श्री राम नवमी आज

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-राजेन्द्र गुप्ता
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राम नवमी हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और विशेष रूप से भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। राम नवमी का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा में काफी विशेष स्थान रखता है। इसे भगवान श्रीराम की मर्यादा, वीरता, और धर्म के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान श्रीराम की पूजा करने के साथ-साथ उनके आदर्शों को अपनाने का प्रयास करते हैं।
मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है, साथ ही जीवन के तमाम संकट समाप्त होते हैं। साथ ही, इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और सभी बाधाओं से मुक्ति प्रदान करने वाली मानी जाती हैं। राम नवमी का पर्व में श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। यह पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राम नवमी की तिथि 
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चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि आरंभ: 05 अप्रैल 2025, शनिवार, सायं 07:26 मिनट पर
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि समाप्त: 06 अप्रैल 2025, रविवार, सायं 07:22 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार राम नवमी का पर्व 06 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।
राम नवमी शुभ का मुहूर्त
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राम नवमी की पूजा का शुभ समय: 06 अप्रैल 2025, प्रातः 11:08 मिनट से दोपहर 01:39 मिनट तक
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – प्रातः 11:07 से दोपहर 13:39 तक
राम नवमी की पूजा विधि
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राम नवमी के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वयं को शुद्ध करें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान श्रीराम की पूजा करने का मन बनाएं। व्रत का पालन करते समय पूरे दिन सत्य बोलने और उत्तम आचरण का ध्यान रखें।
पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करके वहां एक चौकी रखें और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
फिर उस पर भगवान श्रीराम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और श्री हनुमान की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान श्रीराम की पूजा के लिए यह चौकी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
अब, भगवान श्रीराम का ध्यान करते हुए उनका आह्वान करें।
भगवान राम को अपने घर में आमंत्रित करते हुए उनके चरणों में श्रद्धा अर्पित करें।
इसके बाद पंचोपचार पूजा करें जिसमें फूल, चंदन, दीपक, नैवेद्य (प्रसाद) और अर्पण किया जाता है।
अब राम स्त्रोत और राम चालीसा का पाठ करें। राम स्त्रोत का पाठ करने से भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है। राम चालीसा का पाठ विशेष रूप से शक्ति और सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है।
पूजा के अंत में भगवान श्रीराम की आरती करें और उनका धन्यवाद अर्पित करें। अंत में प्रसाद का वितरण करें और घर के सभी सदस्यों को प्रसन्नचित्त करें। इस प्रकार, पूजा विधि पूरी करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
रामनवमी पर सुख, शांति और समृद्धि के लिए क्या करें?
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस रामनवमी पर ग्रहों की अनुकूलता बन रही है और ऐसे शुभ संयोग में भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष उपाय करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त की जा सकती है। आइए, यहां पंडित जी से जानते हैं कि रामनवमी पर कौन-से विशेष उपाय करना लाभदायक साबित हो सकता है।
राम नाम का जाप और हनुमान जी की आराधना
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रामनवमी के दिन ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ का जाप करने से मन और घर में शांति आ सकती है। इसके अलावा हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से भी बुरी शक्तियों और नकारात्मकता का प्रभाव कम हो सकता है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
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