बिहार में मतदाता सूची पर ध्यान दे विपक्षी दल!

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-देवेंद्र यादव-

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देवेन्द्र यादव

बिहार में चुनाव आयोग के फरमान ने विपक्षी दलों के नेताओं की चिंता बढा रखी है। विपक्ष के नेता चुनाव आयोग के फरमान को भारतीय जनता पार्टी का षणयंत्र बता रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी वोटो की चोरी कर चुनाव जीतने की योजना बना रही है। इंडिया घटक दल के नेता चुनाव आयोग के फरमान के संदर्भ में दिल्ली में चुनाव आयुक्त से भी मिले। नए फरमान पर अपनी चिंता जाहिर की। विपक्ष के नेताओं को लाखों लोगों के मतदाता सूचियों से नाम कटने का अंदेशा है। विपक्ष के नेताओं को अपने मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से कटने की चिंता है। यदि नए नियम के अनुसार बिहार के मतदाताओं ने उपरोक्त कागज नहीं दिखाए तो उनका नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़ेगा। जब मतदाता सूची में नाम ही नहीं होगा तो वह वोट भी नहीं दे पाएगा। लेकिन विपक्ष के नेताओं की बड़ी चिंता यह है कि यदि कागज नहीं बताएं तो चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। मतदाता सूची में नाम नहीं होगा तो उम्मीदवार का फॉर्म खारिज हो जाएगा। विपक्षी दलों के नेताओं को 3 करोड़ मतदाताओं की चिंता करने के साथ ही 243 उम्मीदवारो की भी चिंता करनी होगी। इंडिया घटक दल के नेताओं को उम्मीदवारों की घोषणा करने से पहले वोटर लिस्ट में उम्मीदवार का नाम है या नहीं यह भी देखना होगा। उसके बाद उम्मीदवार की घोषणा करनी होगी। इसे इंडिया गठबंधन के नेताओं को गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि इंडिया गठबंधन के पास वोट तो होंगे मगर उम्मीदवार नहीं होगा। पूर्व के अपने ब्लॉग में कई बार लिखा है कि इंडिया गठबंधन के नेताओं को सीट शेयरिंग को लेकर विवाद में नहीं फंसकर मतदाता सूचियो पर ध्यान देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी बिहार में हर हाल में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। अभी भी इंडिया घटक दल के नेताओं को सीट शेयरिंग की चिंता अधिक है। राजद नेता तेजस्वी यादव समझ रहे हैं कि बिहार में एनडीए गठबंधन सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार हैं। आरजेडी 140 सीटों पर चुनाव लड़कर अपने दम पर बहुमत हासिल कर लेगी वह इस मुगालते में कांग्रेस को 2020 की 70 सीटों से कम 50 सीट ही देना चाहती है। सवाल यह है कि चुनाव आयोग के नए फरमान के अनुसार कागज नहीं दिखाने पर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटे या जुड़े इसकी चिंता करने के साथ-साथ यह भी देखना होगा कि तेजस्वी यादव जिन 140 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं, उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। इसकी चिंता इंडिया घटक दल के नेताओं को अधिक करनी होगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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