
-धीरेन्द्र राहुल-

(वरिष्ठ पत्रकार)
अच्छा है कि किसी न किसी बहाने से कोटा के दशहरा मेले की चर्चा हो. चर्चा होगी तो उत्सुकता जगेगी और उत्सुकता जगेगी तो देश और दुनिया से लोग इसे देखने आएंगे. पर्यटन बढ़ेगा. अब की बार चर्चा कोटा के रावण की ऊंचाई को लेकर है, जो 222 फीट ऊंचा है. इसे विश्व का सबसे ऊंचा रावण बताया जा रहा है और वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. हमारे नगर निगम के कर्ताधर्ताओं की इच्छा थी कि सबसे ऊंचा रावण बने तो लो, बन गया ! लेकिन
क्या वह रावण जैसा दिखता भी है?
हमने बचपन से आज तक राम लीला में, रामानन्द सागर के टीवी धारावाहिक और फिल्मों में, कलेण्डरों और पोस्टरों में जितने रावण देखें, वे हृष्ट पुष्ट, भारी-भरकम शरीर वाले और तुन्दील यानी मोटे पेट वाले रावण थे. लेकिन कोटा के दशहरा मैदान में खड़ा किया गया रावण इतना दुबला पतला और स्लिम ट्रिम है कि वह रावण लगता ही नहीं है. ऐसा लगता है कि मारे जाने या जलाए जाने के भय से रावण की भूख उड़ गई है और महीनों से उसने कुछ खाया पिया न हो, कुल मिलाकर कुपोषण का शिकार लगता है रावण.
चाहे आप चित्र बनाए, मूर्ति बनाए या पुतला बनाए उसमें सामानुपातिक तरीके से अंगों, मुद्राओं का अंकन बहुत जरूरी है. क्या 222 फीट का मोटे पेट वाला रावण बनाना संभव नहीं था? अगर संभव था तो फिर दुबला पतला क्यों बनाया?अब यह तो बनाने वाले और बनवाने वाले ही बता सकते हैं.

इस पोस्ट में ऊपर एक बभरूण्ड प्रतिमा की तस्वीर है. यह इंडोनेशिया के बाली द्वीप में लगी प्रतिमा है. पत्रकार मित्र पुरुषोत्तम पंचौली हाल ही में बाली की यात्रा कर लौटे हैं और अपने यात्रा संस्मरण लिख रहे हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट पर यह चित्र लगाया तो इसकी भाव भंगिमा देखकर मुझे लगा कि यह जरूर रावण होगा लेकिन मुझे उस समय घोर आश्चर्य हुआ, जब पंचौली जी ने बताया कि यह विभीषण है. इंडोनेशिया कलाकारों की नजर में विभीषण इतना वीभत्स है तो रावण और कुंभकर्ण कितने वीभत्स होंगे ? कल्पना ही की जा सकती है.
इसलिए कोटा के दशहरा मैदान में खड़ा किया स्मार्ट, स्लीमट्रीम रावण गले नहीं उतरता. रावण वीभत्स था, उसे वैसा ही रहने दो. खूबसूरत रावण बताओगे तो लोगों को उससे प्यार हो जाएगा और बुराई पर अच्छाई की विजय का भाव ही तिरोहित हो जाएगा.
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