
-शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक प्रशांत पाटनी ने मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन
जयपुर। शाहाबाद जिला बारां के कंजर्वेशन रिजर्व फॉरेस्ट में ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की बिजली परियोजना (पंप्ड स्टोरेज हाइड्रो प्रोजेक्ट) के लिए चार लाख से अधिक पेड़ों के काटे जाने के खिलाफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जयपुर में उनके निवास पर शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक एडवोकेट प्रशांत पाटनी ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा कि इस कंजर्वेशन रिजर्व फॉरेस्ट में हजारों सालों की दुर्लभ जैव विविधता है, इसमें पूरे देश में पाए जाने वाले 450 औषधीय महत्व के पेड़ों में से 332 प्रजातियों के वृक्ष एवं वनस्पतियां पाई जाती हैं। यहां पर पेड़- पौधे, वन्य जीव,कीट एवं पक्षियों की अनेक प्रजातियां जो विलुप्त हो जाने वाली आईयूसीएन की लाल सूची में दर्ज है , वे भी पाई जाती हैं। कूनो नेशनल पार्क में स्थापित चीता प्रोजेक्ट जहां पर नामीबिया और अफ्रीका से लाकर प्रधानमंत्री ने चीते लाकर बसाए गए हैं उनके लिए इसी शाहबाद जंगल से होकर गांधी सागर सेंचुरी तक एक चीता कॉरिडोर प्रस्तावित है, उसका मार्ग अवरुद्ध हो जाएगा।
पाटनी ने मुख्यमंत्री जी से बिजली परियोजना के लिए वैकल्पिक स्थान चयन करने का आग्रह किया उन्हें बताया कि वन भूमि में ही यहां पर ऐसे अनेक स्थान हैं जहां वन भूमि तो है लेकिन वहां पेड़ नहीं है केवल जूली फ्लोरा(विलायती बबूल) है, या संघन जंगल नहीं है वहां पहाड़ की ऊंचाई भी मिलेगी तथा पानी भी ऐसे स्थान का चयन किया जाए। एक सुझाव यह भी दिया गया कि कोटा और झालावाड़ जिले में कोटा स्टोन के खनन से सैकड़ों हेक्टेयर भूमि में खनन के पहाड़ बन गए हैं इनका माइन रिहैबिलिटेशन करके भी बिजली परियोजना वहां शिफ्ट की जा सकती है।