
-ए एच जैदी-

(नेचर प्रमोटर)
आज 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस है। विरासत प्रेमी इस दिवस पर अपने विचार प्रकट कर लोगों को जागरूक करते रहे हैं। हम भी हमारी समृद्ध विरासतों के लिए चिंतित हैं। सरकार जब भी इन विरासतों के संर्वद्धन और संरक्षण के लिए बजट आवंटित करती है तो विभाग कार्य करवाते है। ऐतिहासिक विरासतों के कारण ही पर्यटन उद्योग में तेजी आई है।
दुनिया भर के पर्यटक राजस्थान में आते हैं तो यहां की ऐतिहासिक विरासत को देखकर अभिभूत हो जाते हे। पर्यटन हमारे आर्थिक विकास में सहायक साबित हुआ है।

राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने विरासत को सहेजने के जो कार्य जिनके अधीन होते हैं कार्य करवाए हैं। शेरगढ़ किले में करोड़ों रूपए के कार्य हुए हैं। विलास में कार्य चल रहा हे। बडोली में पूर्व में विकास कार्य हुए हैं। गागरोन के किले को बहुत खूबसूरत कर दिया गया है। बूंदी के बहुत सारे पुरास्थलों का जीर्णोद्धार हो चुका है। कोटा में भी।किशोर सागर जग मंदिर, अभेडा महल पर्यटकों की पहली पसंद हैं। सही मायनो में विरासतों पर ध्यान देना आर्थिक स्थिति को मजबूती देना है।
कई कार्य हो चुके हैं कई कार्यों को होना बाकी है। इनके विकास के लिए सरकारों को हमें बार बार ध्यान दिलाने की आवश्यकता है। इनके जीर्णोद्वार से हमें दो फायदे हें। हमारी पूरा सम्पदा को बर्बाद होने से बचा लिया ओर लोगों को उनके प्रति जागरूक कर पर्यटन को बढ़ाया।
चंद्रेसल मठ के विकास कार्य हुए हैं लेकिन अभी अधूरे हैं। बजट आए तो आगे कार्य हो। किशोर सागर, दरा का कार्य जारी हे। वहां के खंडहर हुए एतिहासिक स्थलों को भी बचाना है। तालाब की दीवार के ऊपर अच्छा रोड बना दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से किनारों पर रेलिंग की आवश्यकता है। अभी विकास कार्य जारी हैं।