
बारां। शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति, इंटेक बारां चैप्टर,दिया फाउंडेशन और अन्य समितियों द्वारा शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में लगने वाले हाइड्रो पावर प्लांट हेतु काटे जाने वाले पेड़ों को बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को देशव्यापी समर्थन मिलने के बाद अब बारां जिले वासियों का भी व्यापक समर्थन मिलने लगा है।
भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय के वरिष्ठ सदस्य डॉ मनोज सिंगोरिया ने बताया कि “समिति और भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय के सदस्यों द्वारा अंता तहसील के गांवों में ग्रामीणों से सम्पर्क कर जन जागृति अभियान की शुरुआत कर दी गई है।
इंटेक बारां चैप्टर की टीम ने जन जागृति अभियान के तहत ग्रामीणों से सहयोग जुटाने के उद्देश्य से गजनपुरा से जन सम्पर्क शुरू किया जिसमे सभी जागरूक लोगों से संपर्क कर उन्हें शाहबाद जंगल में काटे जाने वाले लाखों पेड़ों की बलि और कटाई के बारे में जानकारी दी गई।
समिति के समन्वयक भानु गुप्ता ने बताया कि इस मामले में छात्र छात्राओं से पूछताछ कर उनको वृक्षों से होने वाले लाभों और जंगल कटने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया।
गजनपुरा से बारां के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों पुलकित, तनिष्क,
बादल, अर्जुन, रोहित, विशाल मीणा,अश्विन, अर्जुन चौबदार,मनमोहन और राहुल जागा समेत अन्य लोगों ने आन्दोलन को लेकर अपना सहयोग और समर्थन दिया है। ग्राम वासियों ने कहा कि यह जंगल केवल शाहबाद ही नहीं बल्कि पूरे देश की विरासत है जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी लोगों की है और इसके लिए कुछ भी करना पड़े वे लोग करेंगे मगर जंगलों को नहीं कटने देंगे।