
-राजेन्द्र गुप्ता
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हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है। आषाढ़ मास की दुर्गाष्टमी, मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक पावन अवसर मानी जाती है। हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी दुर्गा की आराधना हेतु यह व्रत रखा जाता है, जो साधकों को मानसिक शक्ति, आत्मबल और शुद्धता प्रदान करता है।
मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि
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अष्टमी तिथि प्रारंभ: 2 जुलाई 2025
अष्टमी तिथि समाप्त: 3 जुलाई 2025
व्रत तिथि (उदया तिथि के अनुसार): 3 जुलाई 2025, दिन-गुरुवार
इस दिन विशेष शुभ योगों का निर्माण हो सकता है, जो पूजा और व्रत को और अधिक प्रभावशाली बनाते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
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यह व्रत मानसिक शांति, आत्मबल और संयम की वृद्धि करता है।
कहा जाता है कि यह वर्तमान और पूर्व जन्मों के पापों का नाश करता है।
देवी दुर्गा की कृपा से रोग, शोक, भय और बाधाओं का निवारण होता है।
यह दिन महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत दर्शाता है।
व्रत और पूजन के लाभ
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नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
धन, संतान, और वैवाहिक सुख की प्राप्ति
मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति
आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि
जीवन की दिशा और उद्देश्य की प्राप्ति
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि
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प्रातः काल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल की सफाई कर देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
दीपक जलाकर देवी को फूल, धूप, चंदन, और सिंदूर अर्पित करें।
भोग में पूरी, चना, और सूजी का हलवा बनाएं।
गुड़हल के फूल, मौसमी फल, सूखे मेवे और मिठा पान अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा और आरती का पाठ करें।
कुमारी पूजन करें – 9 कन्याओं को भोजन कराएं और उपहार दें।
शाम को मंदिर जाकर देवी को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें और फिर सात्विक भोजन कर व्रत का समापन करें।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
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