गाइड लाइन की पालना करें कोटा के कोचिंग-हॉस्टल संचालक

-गेपरनाथ महादेव के कुंड में दो कोचिंग छात्रों के डूबने के बाद बुलाई बैठक

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-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान में कोटा के जिला प्रशासन ने आज सभी कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों को बाहर से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों के लिए आने वाले कोचिंग छात्रों के लिए तय की गई गाइडलाइन की सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि कोटा में कोचिंग छात्रों को सकारात्मक माहौल मिलना चाहिए।
पिछले सप्ताह कोटा-रावतभाटा रोड पर स्थित धार्मिक -प्राकृतिक स्थल गेपरनाथ महादेव के कुंड में कोटा से गये दो कोचिंग छात्रों के डूब कर मर जाने की घटना के बाद उसे गंभीरता से लेते हुये जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर ने कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों की आज यह बैठक बुलाई थी।

स्ट्रेस फ्री माहौल दें

जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए कि कोचिंग संस्थान, हॉस्टल व पीजी संचालक विद्यार्थियों को स्ट्रेस फ्री माहौल दें, फिटनेस और उनकी रूचि की गतिविधियां उपलब्ध कराएं। साथ ही आपसी समन्वय रखते हुए निगरानी तंत्र मजबूत करें ताकि अवांछित घटनाओं पर विराम लग सके। उन्होंने गत दिनों कोचिंग विद्यार्थियों से संबंधित हुई दुर्घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताके हुये राज्य सरकार की गाइड लाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही काउंसलिंग व मेंटर व्यवस्था को पुख्ता करने के निर्देश दिये ताकि प्रत्येक विद्यार्थी पर ध्यान रहे। यदि कोई विद्यार्थी असामान्य लगे तो बिना किसी विलम्ब के अभिभावकों की जानकारी देकर प्रशासन के स्तर पर भी निरंतर समन्वय रखें।

बच्चों के साथ स्थानीय अभिभावक सा व्यवहार

श्री बुनकर ने कहा कि हॉस्टल व पीजी संचालकों का बच्चों के साथ स्थानीय अभिभावक सा व्यवहार हो और उनकी देखभाल व सुरक्षा में कोई कमी नहीं रहे। कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों की रिहायश की पूर्ण जानकारी मौजूद रहे और जहां रह रहे हैं, वहां से निरन्तर समन्वय भी रहे।श्री बुनकर ने कहा कि कोचिंग विद्यार्थियों को बेहतर माहौल की सुनिश्चितता के लिए कोचिंग, हॉस्टल संचालकों की नियमित तौर पर समीक्षा कर निगरानी तंत्र सुदृढ किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति गठित होगी। नोडल ऑफिसर नियुक्त कर नियमित बैठक व निरीक्षण कराए जाएंगे। संस्थानों और हॉस्टल इत्यादि में सुबह व शाम की हाजिरी सुनिश्चित की जाए।

कोचिंग व हॉस्टल से बाहर जाने पर पूरा विवरण लिया जाए

श्री बुनकर ने कहा कि कार्ड पंचिंग से हाजिरी पर निगरानी रखी जाए, यूनिफॉर्म की अनिवार्यता रहे और कोचिंग व हॉस्टल से बाहर जाने पर पूरा विवरण लिया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस भी सार्वजनिक स्थलाें, बाजार इत्यादि में ऐसे विद्यार्थियों पर निगाह रखे। कोचिंग संस्थान ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि कोई विद्यार्थी बिना पूर्व सूचना के दो दिन से अधिक अवधि से अनुपस्थित रहे तो कोचिंग संस्थान प्रतिनिधि ऐसे विद्यार्थी या अभिभावक से दूरभाष पर सम्पर्क कर अनुपस्थित रहने का कारण आवश्यक रूप से ज्ञात करें।

वेलनेस सेन्टर बनाने का निर्णय

बैठक में निर्णय किया कि विद्यार्थियों को शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव एवं अवसाद के निराकरण के लिए मनोचिकित्सकीय सेवाएं, वेलनेस सेन्टर बनाए जाएं। विद्यार्थियों को कम से कम एक साप्ताहिक अवकाश की अनिवार्यता की पालना सुनिश्चित की जाए। उस दिन कोई टेस्ट या अन्य शैक्षणिक गतिविधि नही हो। रूचिकर गतिविधियां और विश्राम के अवसर दे कर सन डे को फन डे बनाया जाए ताकि वे मानसिक थकान उतार कर तरोताजा हो सकें। नियमित रूप से भी मनोरंजन और रूचि की गतिविधियों के अवसर दिए जाएं। क्षमताओं को आंकें, कॅरियर के विकल्प बताएं। कोचिंग के लिए आने वाले विद्यार्थियों को आरंभ में और सत्र के बीच बीच में कॅरियर के विकल्प बताए जाएं। यदि कोई विद्यार्थी कमतर लगे तो अभिभावकों को स्पष्ट बताया जाए कि वे अन्य विकल्प के लिए बच्चे को समझाएं। विद्यार्थी अपने भविष्य के प्रति तनावग्रस्त नहीं हो और वे नया विकल्प चुन सकें।

ईजी एक्जिट पॉलिसी

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोचिंग संस्थानों में ईजी एक्जिट पॉलिसी हो साथ ही फीस और रिफंड की पारदर्शी व्यवस्था हो। मन नहीे लगने या अन्य विकल्प की ओर झुकाव होने पर अभिभावकों से सम्पर्क कर बिना किसी दबाव के वापस जाने दिया जाए। नियमानुसार कटौती करते हुए शेष फीस वापस कर दी जाए ताकि बच्चा दबाव महसूस ना करे। संस्थान प्रवेश परीक्षाओं के परिणामों का मिथ्या तथा बढ़ाचढ़ा कर प्रदर्शन न करें। आईआईटी जेईई, नीट प्रवेश परीक्षाओं के लिए उनके संस्थानों की सफलता दर को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। कोचिंग संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार के विज्ञापन में यह डिस्क्लेमर आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जाएगा कि उनका संस्थान चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग इत्यादि कॉलेजो में प्रवेश तथा भर्ती परीक्षाओं में चयन की कोई गारंटी नहीं देता है। सभी विज्ञापनों की प्रति जिला स्तरीय समिति को आवश्यक रूप से दी जाए। कोचिंग संस्थान टेस्ट रिजल्ट को प्रकाशित नहीं कराएंगे। बैठक में कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकल्याण, अतिरिक्त आबकारी आयुक्त सुनीता डागा, एसीईएम पार्थवी, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर वासुदेव मालावत, उपायुक्त गजेन्द्र सिंह, मोहम्मद ताहिर, चन्दन दुबे व संबंधित अन्य अधिकारी एवं कोचिंग संस्थान प्रतिनिधियों, हॉस्टल संचालक एसोसिएशन पदाधिकारियों ने भाग लिया।

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

कोचिंग सिटी में होस्टल संचालकों का ध्यान केवल छात्रों से किराया वसूली पर रहता है. छात्रों की सुरक्षा, देखभाल, स्वास्थ सम्बन्धी समस्याओं से इनका कोई सरोकार नहीं रहता है. प्रशासन के दिशा निर्देशों की अनुपालना की मांटरिंग की उचित व्यवस्था के अभाव में होस्टल संचालकों की पौ बारह रहती हैं . होस्टलों में सुरक्षा संयंत्र काम कर रहे हैं कि नहीं इसकी जांच नहीं होती है, होस्टल में आने जाने के सुगम रास्ते , तय मानक के अनुसार हैं अथवा नहीं, यह कोन जांच कर रहा है,आग लगने की स्थिति में छात्रों के होस्टल से बाहर निकलने उचित रास्ते हैं अथवा नहीं, अन्यथा कभी भी अनहोनी हो सकती है इनकी निगरानी सक्षम अधिकारियों द्वारा समय समय कर होनी आवश्यक है