-JEE Advanced Result Analysis
-आईआईटी प्रवेश के लिए 48248 स्टूडेंट्स को काउंसलिंग कॉल
जेईई एडवांस्ड परीक्षा का परिणाम रविवार को जारी कर दिया गया। आईआईटी मद्रास की ओर से जारी परिणामों के साथ फाइनल आंसर की के आधार पर आल इंडिया रैंक जारी की गई। शुरुआती समय में स्टूडेंट्स को परिणाम देखने में परेशानी आई। परिणाम जारी होने के करीब 4 घंटे बाद तक परिणाम देखने में लगातार समस्याएं आती रही।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष 1 लाख 86 हजार 584 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें 1 लाख 80 हजार 200 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए, इनमें से 48 हजार 448 स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए योग्य घोषित किया गया। काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई स्टूडेंट्स में से सामान्य श्रेणी के 14319, ओबीसी के 10 हजार 39, ईडब्ल्यूएस के 5508, एससी के 13835, एसटी के 5087 स्टूडेंट्स काउंसलिंग के लिए योग्य घोषित किए गए। काउंसलिंग के लिए कुल क्वालीफाई स्टूडेंट्स में से 40 हजार 284 छात्र एवं 7964 छात्राएं हैं। प्रवासी नागरिकता व विदेशी नागरिकता वाले स्टूडेंट्स में से 331 प्रवासी भारतीय एवं 158 विदेशी नागरिक कोटे से परीक्षा में शामिल हुए स्टूडेंट्स में से ओसीआई कैटेगिरी से 179 एवं विदेशी नागरिकता से 7 क्वालीफाई हुए।
आहूजा ने बताया कि देश के आईआईटी एनआईटी सहित 121 इंजीनियरिंग संस्थानों की 50 हजार से अधिक सीटों के लिए कराई जा रही जोसा काउंसलिंग 10 जून से शुरू होगी। 5 राउण्ड में होने वाली जोसा काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट्स 10 से 18 जून के मध्य 600 से अधिक कॉलेजज ब्रांचेंज की प्राथमिकता तय कर सकेंगे।
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काउंसलिंग की कट ऑफ
आहूजा के अनुसार काउंसलिंग के लिए कुल क्वालीफाई किए गए 48248 स्टूडेंट्स में सामान्य श्रेणी की औसतन कटऑफ 30.34 प्रतिशत एवं विषयवार प्रतिशत 8.68 प्रतिशत, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की औसतन 27.30 प्रतिशत एवं विषयवार 7.8 प्रतिशत, एससी एवं एसटी की औसतन 15.17 एवं विषयवार 4.34 प्रतिशत रही। यह कटऑफ गत वर्ष सामान्य श्रेणी की कटऑफ 23.89 से 6.45 प्रतिशत बढ़ी। ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस श्रेणी की कटऑफ गत वर्ष की 21.5 से 5.8 प्रतिशत बढ़ी। ऐसे ही एससी एवं एसटी की गत वर्ष 11.95 से 3.22 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इस वर्ष गत वर्ष के मुकाबले 4479 अधिक स्टूडेंट्स को क्वालीफाई किया गया है, फिर भी कटऑफ में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में इस वर्ष भी आईआईटी की सीटें बढ़ना स्वभाविक है।
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आईआईटी मद्रास जोन से सबसे ज्यादा क्वालीफाई
आहूजा ने बताया कि इस वर्ष आईआईटी मद्रास जोन से सर्वाधिक 11180, उसके बाद आईआईटी 10255, आईआईटी मुम्बई जोन से 9489, आईआईटी रूडकी जोन से 5136, कानपुर जोन से 4928, भुवनेश्वर जोन से 4811 एवं सबसे कम आईआईटी गुवाहाटी जोन से 2458 स्टूडेंट्स काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई हुए।
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किस रैंक पर कौनसी आईआईटी में मिलेगी क्या ब्रांच’
अमित आहूजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड के रिजल्ट के बाद अब विद्यार्थियों और अभिभावकों में सबसे बड़ी उत्सुकता कॉलेज और ब्रांच के चयन की है। हर विद्यार्थी अच्छी आईआईटी के साथ मनपसंद ब्रांच चाहता है।
– ऐसे विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक अण्डर-100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है। विद्यार्थियों की फर्स्ट च्वाइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप-61 पर क्लॉज हो जाती है। इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को स्टूडेंट देते हैं। तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है।
– 100 से 500 रैंक के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है।
– 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है।
– 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रूपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है।
– 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है।
– 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है।
– 12 से 17 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है।
– उपरोक्त रैंक पर आईआईटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है। साथ ही छात्राओं को दिए गए 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटे से उपरोक्त आईआईटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे की रैंक तक बन जाती है।
आहूजा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिनकी जेईई-एडवांस्ड आल इंडिया रैंक काफी पीछे है, उन्हें जेईई-एडवांस्ड के आधार पर आईआईपीई विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईएसईआर, आईआईएसटी में आवेदन के विकल्प उपलब्ध हैं। इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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काउंसलिंग : ऐसे फिल करें कॉलेज व ब्रांच च्वाइस
एक्सपर्ट आहूजा के अनुसार विद्यार्थियों को जोसा काउंसलिंग में 121 संस्थानों की 600 से अधिक प्रोग्रामों की च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, अतः विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें। विद्यार्थी गत वर्षों की कॉलेजों की ओपनिंग एवं क्लोजिंग रैंकों को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं। विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करे। जोसा काउंसलिंग में कॉलेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कॉलेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइन भरें ताकि गलती होने की संभावना ना रहे। विद्यार्थी कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य चेक करें क्योंकि लॉक करने के उपरान्त उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे।
पहला अलॉटमेंट ओपन रैंक से होगा
एक्सपर्ट आहूजा के अनुसार जोसा काउंसलिंग के दिए गए बिजनेस रूल के अनुसार सभी विद्यार्थियों को उनकी रैंक के अनुसार भरी हुई कॉलेज सीट आवंटन में सबसे पहला सीट आवंटन ओपन रैंक पर ही किया जाएगा। ओपन रैंक पर सीट नहीं मिलने पर कैटेगिरी वाले स्टूडेंट्स को उनकी कैटेगिरी रैंक के अनुसार कॉलेज सीट आवंटित की जाएगी। इस प्रकार कैटेगिरी वाले विद्यार्थियों को ओपन एवं कैटेगिरी, दोनों में से सीट रैंक अनुसार मिल सकती है।
ऑनलाइन रिपोर्टिंग में आवश्यक दस्तावेज
एक्सपर्ट आहूजा के अनुसार जोसा काउंसलिंग में सीट आवंटन के बाद विद्यार्थियों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग में 10वीं, 12वीं की अंकतालिका, कैटेगिरी सर्टिफिकेट, कैंसिल चैक की फॉटोकॉपी, मेडिकल सर्टिफिकेट आदि स्कैन कर अपलोड करने होंगे। ईडब्ल्यूएस एवं ओबीसी के विद्यार्थियों को एक अप्रैल 2024 के बाद का कैटेगिरी सर्टिफिकेट देना होगा। अन्यथा उनकी कैटेगिरी निरस्त कर ओपन रैंक से सीट आवंटित की जाएगी।