-एडवोकेट अख्तर खान अकेला-

कोटा। वाईजीएन कोचिंग विज्ञान नगर में रविवार को आयोजित अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा कि किताबों, कानून में कितनी ही अल्पसंख्यकों को अधिकार देने की बात लिखी हो, लेकिन इसे पाने के लिए शिक्षित होना जरूरी है। बिना शिक्षा हासिल किए कुछ नहीं मिल सकता।
कार्यक्रम के संयोजक नूर अहमद पठान ने कहा कि भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के लिए स्वतंत्रता के अधिकार और समान अवसरों को बनाए रखने और अल्पसंख्यकों के सम्मान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। बुनियादी मानवाधिकारों को लेकर ब्रिटिश शासन के बाद से भारत को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है। हालाँकि, स्वतंत्रता के बाद इन अधिकारों की रक्षा की गई और लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाता रहा है। इस प्रकार हम हर साल 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएनआई चर्च के फादर अमित श्रेष्ठ ने कहा कि अल्पसंख्यक अधिकार दिवस को हमे जागरूकता अभियान के रूप में मनाना चाहिए। साथ ही हमारे अधिकारों के प्रति हमे जागरूक रहना चाहिए। फादर चंदन चंद्रा ने कहा कि हमारा देश बहुत सारे समाज और वर्गाे से मिल कर बना है, जिसमें सबको बराबरी के अधिकार मिले हुए हैं। मौलाना रौनक अली ने कहा सरकार कार्यक्रम बनाती हैं, लेकिन बिना जागरूकता के कुछ नही मिलता।
अल्फलाह वेलफेयर एंड एजुकेशन के ट्रस्टी किफायत शेख ने कहा कि हम अल्पसंख्यक हो कर जागरूक नहीं है। जो जागरूक है वो अपना अधिकार ले लेते हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर समिति के जिला अध्यक्ष चतुर्भुज खींची ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने जो संविधान बनाया उसमे सबको बराबर के अधिकार मिले हैं। कार्यक्रम को प्रिंसिपल सगीर अहमद, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा कोटा आई टी सेल के जिला अध्यक्ष शोएब खान और वाईजीएन कोचिंग के निर्देश अरशद अंसारी ने भी संबोधित किया।
देश में बहु संख्यक और अल्प संख्यक समाज को शिक्षा, रोजगार तथा सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के समान अवसर मिले हुए हैं. शिक्षा के क्षेत्र में अगर कोई वर्ग , पिछड़ रहा है तो इसके सामूहिक उपाय खोजने चाहिए . अल्पसंख्यक और बहु संख्यक दोनो वर्गों में शिक्षा का अभाव है इसमें वर्ग को श्रेणीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए