‘हिंदी का साहित्य बहुत समृद्ध’

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-राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में हिंदी दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया

कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय कोटा के हिंदी विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को हिंदी दिवस उल्लास पूर्वक मनाया गया। विषय परिवर्तन करते हुए हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर लड्डू लाल मीना ने कहा कि हिंदी भाषा ने भाषा भेद और सीमित स्वार्थों से ऊपर उठकर जीवंत भाषा के रूप में अपनी पहचान बनायी है। हिन्दुस्तानी मीडिया ने भाषा के व्यावहारिक स्वरूप को जन-जन तक पहुंचाया है। हिंदी हमारे मनोभावों को अभिव्यक्त करने में सक्षम भाषा है। आयोजन की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो सीमा सोरल ने कहा कि हिंदी समावेशी भाषा है इसमें अन्य भाषाओं के शब्दों को उदारतापूर्वक ग्रहण किया है। हमें हिंदी में बात करते समय महसूस होना चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ मनोरंजन सिंह ने कहा कि हिंदी का साहित्य बहुत समृद्ध है। जायसी , तुलसीदास, कबीर सूर और निराला व प्रेमचंद जैसे महान साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। इस अवसर पर दूसरे मुख्य वक्ता प्रोफेसर आदित्य कुमार गुप्त ने कहा कि हिंदी निरंतर वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रही है यह हिंदी की अपनी ताकत है। विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी का अध्ययन और अध्यापन किया जा रहा है। प्रोफेसर गुलाम रसूल ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं में अग्रणी भाषा है । आज हमें हिंदी को अपने व्यावहारिक जीवन में अपनाने की बहुत जरूरत है। इस अवसर पर महाविद्यालय के लेखाधिकारी श्री हारुन जी ने शेरों शायरी के माध्यम से हिंदी का महत्व बताया। आयोजन का संचालन कर रहे प्रोफेसर विवेक कुमार मिश्र ने कहा कि हिंदी एक भाषा के साथ साथ एक संस्कृति है और हमारी अस्मिता की पहचान है। इस अवसर पर डॉ शशि प्रभा , डॉ समय सिंह मीना, डॉ चंचल गर्ग, डॉ रसीला, डॉ कल्पना श्रृंगी के अतिरिक्त प्रोफेसर सीमा चौहान, अनीता टाक, प्रमिला श्रीवास्तव, संतोष मीणा , डॉ रविदत्त शर्मा, डॉ नीलम गोयनका, डॉ सुप्रिया सेठ , डॉ मंजू गुप्ता, डॉ वंदना शर्मा, डॉ विनीता राय, डॉ महावीर साहू डॉ जया शर्मा डॉ राधाकिशन आदि अनेक सह आचार्य और आचार्यों की उपस्थिति रही । छात्र छात्राओं में प्रदीप मीणा ने हिंदी के महत्व को रेखांकित करने वाली कविता एवं गीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लड्डू लाल मीना ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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