कोटा। रेलवे स्टेशन क्षेत्र की माला रोड पर बसी कॉलोनियों की स्थिति आम तौर पर बारिश के दिनों में दयनीय रहती है। थोडी बारिश में ही यहां पानी भरने की समस्या हो जाती है। लेकिन रविवार शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने इन कॉलोनियों की हालत खराब कर दी है। इस क्षेत्र में रेलवे हाउसिंग कॉलोनी, जे एन मार्शल, जनकपुरी जैसी कॉलोनियां हैं। कॉलोनियों में अधिकांश निवासी रेलवे के कर्मचारी अथवा रिटायर कर्मचारी हैं।

रिटायर होने के बाद रेलवे कर्मचारियों ने स्टेशन के पास ही स्थित कॉलोनियों में भूखंड खरीदे ताकि उन्हें रेलवे से संबंधित जरूरी कामों के लिए दूर से नहीं आना पड़े । वैसे भी कोटा का रेलवे स्टेशन क्षेत्र शहर से काफी दूरी है। नए कोटा शहर से तो यह दूरी दस से 15 किलोमीटर तक है। ऐसे में रिटायर कर्मचारियों के लिए डीआरएम ऑफिस अथवा रेलवे अस्पताल आने के लिए माला रोड पर बनी कॉलोनियां ही ज्यादा उपयुक्त रहीं। इन कॉलोनियों में पहले रेलवे से रिटायर कर्मचारियों ने निवास बनाए जिसमें उनके बच्चे भी रहे भले ही वे अन्य किसी व्यवसाय या नौकरी में रहे हों। एक ही संस्थान रेलवे में कार्य करने के कारण इन कॉलोनी में निवासरत लोगों में जान पहचान और अपनत्व भी है। लेकिन अब सीपेज और बारिश में पानी भरने की समस्या ने उनका जीवन संकट में डाल दिया है। स्थानीय निवासियों का क
हना है कि बारिश में जल प्लावन हर बार होता है लेकिन कई बार प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं होता। क्योंकि यहां मकान बनाने में बहुत पैसा खर्च हो चुका है और उस हिसाब से रिसेल वेल्यू नहीं है इसलिए जिनका रेलवे से कोई लेना देना नहीं रहा वे भी यहां रहने को विवश हैं। रविवार शाम से शुरू हुई वर्षा के बाद से पानी घरों में घुस गया है। बाहर खडे वाहन पानी में डूब गए हैं। कमरों में दो दो फीट तक पानी है। कई लोगों ने तो वर्षा के पानी के घर में घुसने से रोकने के लिए नए सिरे से मकानों की मरम्मत पर लाखों रूपए खर्च किए हैं। लेकिन मानसून के शुरुआती दौर में तो उन्हें कुछ फायदा मिला लेकिन लगातार मूसलाधार बारिश ने सभी तैयारी पर पानी फेर दिया। जिनके घर उचाई पर बने हुए हैं उनके यहां सीवरेज से पानी घुस आया है।
जनकपुरी कॉलोनी निवासी रीता दीक्षित ने बताया कि पहले तो केवल उनकी कॉलोनी में ही पानी भरने की समस्या थी लेकिन पिछले दो साल से तो यहां कि सभी कॉलोनियों की स्थिति खराब है। यहां पांच कॉलोनी रेलवे हाउसिंग सोसायटी, जनक विहार, रवि विहार, आदर्श कॉलोनी तथा इन्द्रा कॉलोनी हैं। इनमें हजारों परिवार निवास करते हैं और सभी परेशान हैं। हमने हाल ही में लाखों रूपए खर्च कर मकान को दुरूस्त कराया था लेकिन अभी पेंट भी नहीं सूखा कि बारिश के पानी ने सारा कबाडा कर दिया।
प्रशासन से अनेक बार पत्राचार करने पर भी कोई निराकरण नहीं हुआ।
प्रशासन विपरीत दिशा में पानी को बहाना चाहता है। रियासत काल से इस क्षेत्र का वर्षा जल चंबल नदी में प्रवाहित होता था लेकिन जब से चंद्रेसल नदी में प्रवाहित करने का प्रयास किया जा रहा है तभी से यहां बाढ़ का प्रकोप जारी है।