
-आपदा राहत प्रस्तावों में सभी तरह के नुकसान को शामिल किया जाए
कोटा। जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने कहा कि इस बार हुई अतिवृष्टि से कई तहसीलों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अतिवृष्टि से नुकसान का सर्वे फील्ड में कार्य कर रहे पटवारी, गिरदावर, ग्राम सेवक एवं कृषि पर्यवेक्षक संवेदनशीलता के साथ करें ताकि प्रभावित ग्रामीणों एवं किसानों को उचित मुआवजा समय पर मिल सके।
श्री समारिया बुधवार को लाडपुरा तहसील कार्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से घरों, पशुओं, फसलों एवं अन्य नुकसान का सर्वे कार्य पूर्णतः गंभीरता के साथ किया जाए। पटवारी, गिरदावर एवं सर्वे से जुड़े अन्य कर्मचारी-अधिकारी किसानों के साथ-साथ स्थानीय जन प्रतिनिधियों से भी चर्चा करें। कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा जुटाए गए आंकड़े भी चेक किए जाएं।
उन्होंने कहा कि आपदा राहत के प्रस्तावों में सभी तरह के नुकसान को शामिल किया जाए। भारी बारिश से हुए जल भराव से मकानों, बर्तन, कपड़ों के साथ ही पशुओं के चारे के नुकसान का भी आंकलन कर सर्वे रिपोर्ट में शामिल करें।
जिला कलक्टर ने कहा कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जो प्रारंभिक रिपोर्ट फील्ड से भेजी गई है उसमें काफी सुधार की आवश्यकता है। पटवारी, गिरदावर एवं संबंधित विभागीय अधिकारी कार्यालय में बैठने की बजाय फील्ड में जाएं और नुकसान का सही आंकलन कर सर्वे रिपोर्ट तैयार करें।
श्री समारिया ने कहा कि 15 सितम्बर से शुरु हो रहे शहर चलो अभियान एवं 18 सितम्बर से शुरु हो रहे ग्राम चलो अभियान के दौरान आयोजित होने वाले शिविरों में अंतिम छोर के व्यक्ति को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने का प्रयास करें। ग्राम चलो अभियान शिविरों में आने वाले राजस्व संबंधी प्रकरणों सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज की योजनाओं से जुड़े कार्यों को भी तत्परता से किया जाए ताकि अभियान के उद्देश्य पूरे हो सकें।
बैठक में उपखंड अधिकारी लाडपुरा गजेन्द्र सिंह, बीडीओ शैलेष रंजन सहित राजस्व, कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, लाडपुरा तहसील के पटवारी, गिरदावर, ग्राम सेवक आदि उपस्थित थे।