
ग़ज़ल
-शकूर अनवर-

चीन अलग जापान अलग है।
अपना हिंदुस्तान अलग है।।
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क़र्ज़ा लेकर शादी करना।
जग में अपनी शान अलग है।।
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आपस में ही लड़ते रहना।
ये अपनी पहचान अलग है।।
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ये तो कोई डाकू होगा।
चेहरे की मुस्कान अलग है।।
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वोटों की है अलग सियासत*।
जनता का सम्मान अलग है।।
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सब के अपने गोरख धंधे।
सब का अपना ज्ञान अलग है।।
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सौ दो सौ ही टाटा बिड़ला।
बाकी हिंदुस्तान अलग है।।
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एक सरीखे सब दरवाज़े।
अपना रोशनदान अलग है।।
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छूट गई लो कश्ती “अनवर”।
दरिया में तूफ़ान अलग है।।
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शब्दार्थ:-
सियासत*राजनीति
शकूर अनवर
9460851271
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