
– विवेक कुमार मिश्र

स्त्रियां
संभाल लेती हैं
बाकी सारी दुनिया
जो रह गई थी रचे जाने से
स्त्रियां
चल पड़ती हैं
बिना किसी साधन के
आकाश से भी ऊंची जगहों पर
स्त्रियां
कहीं और नहीं
यहीं और इसी संसार में
एक सुंदर संसार रच देती हैं
स्त्रियां
बिना कुछ कहे ही
होने की प्रतीती
कराती रहती और नाप लेती
अंततः आकाश के विस्तार को ।
– विवेक कुमार मिश्र
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