
-विष्णुदेव मंडल-

चेन्नई। भारतीय जनता पार्टी एवं एआईएडीएमके के बीच फिर से गठबंधन और अमित शाह की पत्रकार वार्ता के बाद तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई।
भाजपा और एआईएडीएमके गठबंधन पर सर्वाधिक मुखर सत्ताधारी पार्टी डीएमके है। राज्य के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन पूर्व मुख्यमंत्री पलनीस्वामी को भाजपा का गुलाम कहकर संबोधित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन के अनुसार एआईएडीएमके और भाजपा के बीच गठबंधन पहली बार नहीं हुआ, पहले भी गठबंधन में चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन नतीजा सिफर रहा है। यह गठबंधन तो सिर्फ सत्ता पाने के लिए किया गया है ना इसमें कोई सच्चाई है ना कोई दृष्टि है। कहने को तो गृह मंत्री अमित शाह ने इस गठबंधन को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत दर्शाया है लेकिन प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री पलानी स्वामी ने कुछ तथ्य सामने नहीं रखा इससे प्रतीत हो रहा है कि यह गठबंधन तमिलनाडु के लोगों के विश्वास और विकास के लिए नहीं है। 2026 में तमिलनाडु की जनता इन्हें जवाब देगी और पुनः फेल साबित होगा।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एडापाडि पलानीस्वामी ने गठबंधन की घोषणा के बाद पत्रकारों को बताया कि एनडीए गठबंधन आगामी 2026 के चुनाव डंके की चोट पर जीतेगी और शरारती राजनीति करने वाले डीएमके का अंत हो जाएगा।
उन्होंने डीएमके शासन को भ्रष्टाचार का शासन करार दिया और कहा यह सरकार आमजन की भलाई का काम नहीं करती। कावेरी जल विवाद हो या फिर पेरियार डैम से जुड़े मुद्दे यह सब बरसों से अटके हुए हैं। डीएमके, कांग्रेस, डीएमके, सीपीएम, गठबंधन के बावजूद भी जल विवाद के मुद्दे पर सरकार का रिस्पांस जीरो है। एनडीए गठबंधन स्टालिन सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में सदमे में डाल देगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मणिपुर की चर्चा तो करते हैं लेकिन तमिलनाडु में स्त्रियों की क्या हालत है उस पर कुछ नहीं बोलते।
वही नवगठित पार्टी तमिलनाडु वैट्री कड़गम के महासचिव थलपति विजय ने भाजपा और डीएमके दोनों दलों को आड़े हाथों लेते हुए आगामी 2026 चुनाव में शिकस्त देने की बात कही है। उन्होंने कहा अगला चुनाव डीएमके और टीवी के बीच होगा। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ लोगों के बीच खाई पैदा करती है और दूसरा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सिर्फ तमिलनाडु के लोगों को गुमराह करती है। लेकिन तमिलनाडु के लोग अगले चुनाव में दोनों दलों को सबक सिखाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यह बात अलग है कि भाजपा ने अभी एआईएडीएमके को अपने साथ गठबंधन में फंसा लिया है लेकिन गुप्त रूप से भाजपा और डीएमके के बीच भी गठबंधन है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सिर्फ पर्दे पर भाजपा के विरोध में एक्टिंग कर रहे हैं लेकिन अंदर ही अंदर दोनों मिले हुए हैं। हालांकि वह एआईडीएमके और पलानीस्वामी पर किसी तरह के राजनीतिक प्रहार करने से बचते नजर आए। उन्होंने एआईएडीएमके के सभी नेताओं से आग्रह किया कि वह अंदरूनी कलह को भूल कर डीएमके जैसे शत्रु का डटकर मुकाबला कर 2026 के चुनाव में राज्य के संसाधनों को लूट का जरिया बनाने वाले डीएमके सरकार को ऊखाड़ फेंकें।
वही एमडीएमके का नेता वाइको ने पलनीस्वामी को चेताया कि भगवा पार्टी को तमिलनाडु में कोई जगह ना दें वरना वह तमिलनाडु को अशांत कर देगी। हम किसी भी कीमत पर भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।
वही एसडीपीआई ने एआईएडीएमके भाजपा गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा जो मुसलमान के खिलाफ वक्फ बोर्ड बिल लाया है, यदि वह वास्तव में मुसलमानों के साथ है तो फिर वह भाजपा के साथ गठबंधन कैसे कर लिया है। आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
वही नवनिर्वाचित तमिलनाडु भाजपा इकाई के अध्यक्ष नागेंद्र नाइनार ने दावा किया कि 2026 का चुनाव एनडीए गठबंधन ही जीतेगी जिसमें भाजपा अकेले 40 सीटों से भी अधिक पर जीत दर्ज करेंगी।
यहां उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के अन्य राजनीतिक दल पीएमके, डीएमडीके, बीसीके, तमिल मनीला कांग्रेस एवं अन्य दलों ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)