
-देवेंद्र यादव-

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा शनिवार 5 जुलाई को विधानसभा क्षेत्र में कोऑर्डिनेटर की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी, सह प्रभारी और प्रदेश भर से आए कोऑर्डिनेटर कार्यकर्ता और नेता तो नजर आए मगर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नहीं आए। कांग्रेस कोऑर्डिनेटर बैठक से पहले खबर थी कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों मौजूद रहेंगे, क्योंकि यह बैठक आगामी दिनों में होने वाले निकाय और पंचायत राज चुनाव के संदर्भ में आहूत की गई थी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के बीच गहलोत और पायलट के नहीं आने की चर्चा रही। साथ में सचिन पायलट को लेकर यह सवाल भी सुनाई दिया कि वह तो जयपुर में ही मौजूद थे और वह कांग्रेस कार्यालय में नहीं जाकर कांग्रेस के वार रूम में अलग से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी रंधावा प्रदेश, अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से मिले। यह तो वही कहावत हुई जंगल में मोर नाचा किसने देखा। क्योंकि प्रदेश भर से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बैठक में इसलिए आए थे क्योंकि उन्हें कांग्रेस कमेटी एकजुट नजर आएगी, जहां प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेता एक मंच पर उपस्थित होकर प्रदेश भर से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं का ज्ञानवर्धन करेंगे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय का नजारा देखकर, यह नहीं कह सकते कि राजस्थान कांग्रेस के भीतर सब कुछ ठीक चल रहा है। लग रहा है प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी-अपनी डफली और अपना-अपना राग अलापते नजर आ रहे हैं। इसकी झलक कांग्रेस हाई कमान के द्वारा दिए गए संविधान रक्षा अभियान में दिखाई देती है। जिलों में कांग्रेस कमेटी संविधान बचाओ सम्मेलन कर रही है जिसमें प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली मौजूद रहते हैं मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत नजर नहीं आते हैं।

सवाल यह भी है कि क्या प्रदेश के इन तमाम नेताओं के बीच कोआर्डिनेशन का अभाव है। क्योंकि सचिन पायलट कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं और वह छत्तीसगढ़ के भी कांग्रेस प्रभारी हैं, इसलिए उनकी व्यस्तता को समझा जा सकता है। प्रदेश में कांग्रेस हाई कमान ने कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रभारी के अलावा तीन सह प्रभारी भी नियुक्त किए हैं। मगर यदि सक्रियता और राजनीतिक अनुभव की बात करें तो तीनों सह प्रभारी में से अनुभवी नेता गुजरात के रुतविक मकवाना नजर आते हैं जो प्रदेश में सक्रिय भी नजर आ रहे हैं। शनिवार 5 जुलाई को कांग्रेस कोऑर्डिनेटर की बैठक में मकवाना ने वह बात बोली जिसे सुनकर कार्यकर्ताओं और कोऑर्डिनेटरों से खचाखच भरा हाल तालियो से गूंज उठा। मकवाना ने कहा कि कार्यकर्ताओं को समय पर सूचना नहीं मिलती है इसलिए कार्यकर्ता को पता ही नहीं चलता है कि कांग्रेस क्या करने जा रही है। हमें इसे सुधारना होगा और समय पर कार्यकर्ताओं को सूचना देनी होगी। कार्यकर्ताओं में जागरूकता जब आएगी जब उन्हें कांग्रेस के कार्यक्रमों की समय पर पर्याप्त सूचना मिलेगी।
राहुल गांधी ने राजस्थान में मकवाना को सह प्रभारी मिशन राहुल गांधी को सफल बनाने के लिए जिम्मेदारी दी है, और इसीलिए मकवाना राजस्थान के अन्य सह प्रभारीयो से ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)