ओम बिरला के समक्ष कोटा को स्मार्ट सिटी से स्मार्ट औद्योगिक सिटी बनाने का मौका

chambal mata moorti
चम्बल माता

-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
-देवेंद्र यादव-

कोटा संसदीय क्षेत्र से लगातार तीसरी बार सांसद बने ओम बिरला, 2017 में कोटा को स्मार्ट सिटी बनवा कर भी, कोटा को स्मार्ट बनाने और कोटा का विकास करने की क्रेडिट ठीक से नहीं ले पाए। उसकी पूरी क्रेडिट कोटा शहर के उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शांति कुमार धारीवाल ले गए। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और शांति कुमार धारीवाल राज्य के नगरीय विकास मंत्री थे। कहावत है जगरा तो ओम बिरला ने लगाया और बाटी निकालकर कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री शांति धारीवाल खा गए।
कोटा शहर के विकास के नाम पर अरबों रुपया खर्च हुआ, मगर विकास कार्यों की आधारशिलाओं और उद्घाटन शिलाओं पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का नाम नजर नहीं आता है जबकि प्रोटोकॉल के हिसाब से भी इन पर स्थानीय सांसद और विधायकों का नाम होना चाहिए था।
राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है और ओम बिरला के पास अपनी राजनीतिक चमक और धमक दिखाने का बड़ा अवसर है।
कोटा शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर बना कोटा रिवर फ्रंट, को शांति कुमार धारीवाल का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है, जबकि यह परियोजना केंद्र की मंजूरी के बाद कोटा को मिली थी और इसमें बड़ा योगदान स्थानीय सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी था। इस चंबल रिवर फ्रंट पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अब पर्यटन की दृष्टि से क्रूज चलाने की योजना बना रहे हैं यह कोटा नगरी और हाडोती संभाग के लोगों के लिए अच्छी खबर है मगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास बड़ा अवसर कोटा को स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट औद्योगिक क्षेत्र बनाने का है।
ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष बने हैं। लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद, ओम बिरला को कोटा संभाग में औद्योगिक विकास की योजनाओं पर मंथन करते हुए भी देखा गया है। जिसमें दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर कोटा संसदीय क्षेत्र में उद्योग विकसित करने की योजना है।
ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र कोटा में, उद्योग और इन्वेस्टमेंट के बड़े अवसर हैं। कोटा संसदीय क्षेत्र के बूंदी का चावल विश्व विख्यात है। यहां पर अनेक राइस मिल है, इसे और विकसित किया जा सकता है। कोटा जिले के रामगंज मंडी जिला उपखंड को देश की बड़ी धनिया मंडी में शुमार किया जाता है, इसीलिए केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार ने रामगंज मंडी में मसाला पार्क बनाया। मगर रामगंज मंडी में इस उद्योग को अधिक विकसित करने की योजना नहीं बनाई, जबकि रामगंज मंडी में मसाले से संबंधित प्रोसेसिंग यूनिट लगनी चाहिए थी जो अभी दिखाई नहीं दे रही है। मसाला व्यापार से संबंधित बड़ी-बड़ी कंपनियां रामगंज मंडी से कच्चा माल खरीद कर बाहर अपनी यूनिटों में ले जाते हैं और वहां से प्रोसेसिंग कर बाजार के हवाले करते हैं जबकि मसाला व्यापारी सरकार की पहल पर प्रोसेसिंग यूनिटों को रामगंज मंडी में भी लगा सकते हैं, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता और मसाला उत्पादन करने वाले कृषकों को इसका फायदा मिलता। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की नजर इस पर भी है। रामगंज मंडी में मसाला उद्योग देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाए। कोटा जिले का रामगंज मंडी जिला उपखंड धनिया उत्पादन और कोटा स्टोन के नाम से देश और विदेश में जाना जाता है। रामगंज मंडी क्षेत्र में नए उद्योग और औद्योगिक इन्वेस्टमेंट करने के बड़े अवसर मौजूद हैं। इस क्षेत्र में उद्योग लगाने के सभी संसाधन मौजूद हैं क्षेत्र में ताकली डैम परियोजना, अपने शुभारंभ का इंतजार कर रही है। इस परियोजना से भी नए उद्योग लाभहान्वित हो सकते हैं और इस परियोजना पर बिजली संयंत्र भी स्थापित किया जा सकता है। जिला उपखंड रामगंज मंडी के लोगों के सामने बड़ा अवसर है जब राजस्थान सरकार में भाजपा के कदावर नेता मदन दिलावर मंत्री हैं और ओम बिरला लोकसभा में अध्यक्ष हैं। ओम बिरला रामगंज मंडी क्षेत्र के विकास के लिए गंभीर नजर आ रहे हैं, क्या उतने ही गंभीर मदन दिलावर भी हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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