संसद का विशेष सत्रः सरकार की मंशा को लेकर बढ़ रही हैं विपक्ष की धडकनें !

untitled

-महिला आरक्षण विधेयक व ओबीसी आरक्षण का वर्गीकरण हो सकते हैं अहम मसले

-द ओपिनियन-

संसद के विशेष सत्र के लिए एजेंडे की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन देश के नाम को लेकर भारत और इंडिया पर एकाएक विवाद शुरू होने से इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि सरकार देश का नाम बदलने का प्रस्ताव ला सकती है। अटकलें इस बात को लेकर भी लगाई जा रही हैं कि सरकार एक देश एक चुनाव की थीम पर भी आगे बढ़ सकती है। दूसरी ओर विधायिका में महिलाओं के लिए आरक्षण भी एक अहम मुद्दा है और सत्तारूढ गठबंधन इस बारे में भी कोई प्रस्ताव ला सकता है। यदि सरकार इस दिशा में पहल करती है तो उसको सियासी फायदा भी मिल सकता है। इसी प्रकार ओबीसी आरक्षण के विभाजन को लेकर भी सरकार कोई पहल कर सकती है। लेकिन अभी सरकार की वास्तविक मंशा सामने नहीं आई है। पीएम मोदी के कुछ कदम पहले भी चौंकाते रहे हैं और अबकी बार भी ऐसा हो सकता है। लेकिन सरकार के एजेंडे में जो कुछ भी है, वह अहम है। अन्यथा विशेष सत्र आहूत ही नहीं किया जाता। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के विशेष सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने 9 मुद्दों को उठाया है। कांग्रेस चाहती है सरकार महंगाई, भारत-चीन सीमा विवाद और मणिपुर जैसे गंभीर मामलों पर चर्चा करे। संसद के शीतकालीन सत्र में मणिपुर मुद्दा छाया रहा था। इस पर सदन में गतिरोध बना रहा था। सोनिया गांधी के पत्र लिखने से एक दिन पहले मंगलवार को कांग्रेस के संसदीय दल के रणनीतिक ग्रुप की बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निवास पर इंडिया के घटक दलों के संसद में नेताओं की बैठक हुई जिसमें संसद के विशेष सत्र को लेकर रणनीति पर मंथन हुआ। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि विपक्षी गठबंधन में शामिल 28 पार्टियों में से 24 पार्टियां 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र में शामिल होंगी।

gehlot

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले हफ्ते 18 से 22 सितंबर तक संसद के पांच दिन के विशेष सत्र के बारे में जानकारी दी थी। भाजपा के खिलाफ एकजुट होने को लेकर विपक्षी दलों की पिछली तीन बैठकें और इस बीच एक गठबंधन बनाने पर सहमति, नामकरण और समन्वय के लिए समिति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे विपक्ष ने सरकार खेमे में भी हलचल बढ़ा दी है। अब विपक्ष गठबंधन यदि मजबूत होता है तो भाजपा के लिए अगामी लोकसभा चुनावों में चुनौती बढ़ सकती है। इसलिए अटकलें और बढ़ गई हैं कि विपक्षी एकता की काट निकालने के लिए सरकार क्या कोई ऐसी नई पहल कर सकती है जिससे विपक्ष के हमलों की धार कुंद हो जाए। फ्लोर लीडर्स के साथ मीटिंग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- ‘मोदी सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। किसी भी विपक्षी दल से न तो सलाह ली गई और न ही जानकारी दी गई। यह लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं है। भाजपा महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, चीन के अतिक्रमण, घोटाले जैसे मुद्दों से ध्यान हटाकर लोगों को धोखा देना चाहती है। अब कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया है कि कांग्रेस किन मुद्दों पर चर्चा चाहती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा- पहले जब भी विशेष सत्र बुलाया गया, तब पार्टियों को मुद्दा बताया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। हम चाहते है सामाजिक मुद्दों, आर्थिक मुद्दों, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे। हम हर सदन में मुद्दे उठाते है, लेकिन हमें मौका नहीं दिया जाता है। इस विशेष सत्र में हम अपना मुद्दा रखना चाहेंगे।
महिला आरक्षण
तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य व पूर्व सांसद के कविता ने देश के सभी राजनीतिक दलों से निजी राजनीतिक हितों से उपर उठकर संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाने की अपील की है। उन्होंने संसद में प्रतिनिधित्व वाले सभी दलों को पत्र लिखकर यह बात कही है।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

लोकतंत्र खतरे में, संविधान खतरे में, न्यायपालिका खतरे में तो फिर देश चांद में कैसे पहुंच गया है.विपक्षी दलों ने सरकार से, चंद्रयान ३ के सबूत नहीं मांगे है