पाक फौजी मुखिया की परमाणु धमकी, एक ही खबर तक सीमित क्यों?

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-सुनील कुमार Sunil Kumar

भारत के मीडिया में पाकिस्तान की इतिहास की सबसे बड़ी धमकी जोर-शोर से छपी है कि पाकिस्तानी सेनाप्रमुख आसिम मुनीर ने अमरीका के एक कार्यक्रम में यह कहा कि अगर भारत सिंधु नदी पर बांध बनाकर पाकिस्तान में आते पानी को रोकेगा, तो हम उस बांध के बनने का इंतजार करेंगे, और फिर उसे दस मिसाइलों से उड़ा देंगे। समाचारों में कहा गया है कि फील्डमार्शल का दर्जा प्राप्त आसिम मुनीर ने अमरीका के फ्लोरिडा में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक बंद कार्यक्रम में कहा कि अगर भविष्य में भारत के साथ किसी युद्ध में उनके देश का अस्तित्व खतरे में पड़ा, तो वे परमाणु युद्ध छेड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु हथियार संपन्न देश है, और अगर उसे लगेगा कि वह डूब रहा है, तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा। भारत की एक प्रमुख समाचार वेबसाइट, द प्रिंट पर कल दोपहर आए इस समाचार के बाद यहां से इसे उठाकर भारत के अधिकतर प्रमुख अखबारों ने इसे छापा। समाचार में यह भी लिखा हुआ है कि अमरीका में हुए इस कार्यक्रम में लोगों के मोबाइल फोन बाहर रखवा दिए गए थे, और वहां मौजूद लोगों से बात करके बाद में द प्रिंट ने भाषण के इन हिस्सों से यह समाचार बनाया है।

यह याद रखने की जरूरत है कि अभी कुछ हफ्ते पहले आसिम मुनीर को अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति भवन में खाने पर आमंत्रित किया था, और दोनों के बीच खासी लंबी चर्चा हुई थी। इसके अलावा भी पाकिस्तानी सेनाप्रमुख की अमरीका में कई दूसरे फौजी और सरकारी नेताओं से बात-मुलाकात होती रही है। यह लोकतांत्रिक देशों में कुछ अटपटी बात लगेगी क्योंकि निर्वाचित लोकतंत्रों में निर्वाचित प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ऐसी बात-मुलाकात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान एक बुरी तरह से नाकामयाब लोकतंत्र दिखता है जिसमें सेना एक समानांतर सरकार चलाती है, या कि सरकार के ऊपर से अपना काबू रखती है। इसलिए आसिम मुनीर के नाम से निकली इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

अब भारत के एक समाचार स्रोत से निकलकर भारत में चारों तरफ इसे छपे अब करीब चौबीस घंटे हो रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान या अमरीका के किसी भी समाचार स्रोत में ऐसा समाचार नहीं है। हो सकता है कि बंद कमरे में पाकिस्तानी फौजी मुखिया की कही यह बात पाकिस्तान में छापना लोगों के लिए आसान न हो, लेकिन अमरीका में तो मीडिया पर ऐसा कोई खतरा नहीं रहता है, और अगर सवा सौ लोग ऐसे डिनर पर मौजूद थे, और पाकिस्तानी फौजी प्रमुख उसमें बोलने वाले थे, तो अमरीकी मीडिया की भी कुछ दिलचस्पी उसमें हो सकती थी। जब द प्रिंट से परे किसी स्रोत पर यह समाचार नहीं मिला, तो हमने इंटरनेट पर चारों तरफ इस बयान को ढूंढने की कोशिश की। हमने दो-तीन अलग-अलग एआई टूल्स का भी इस्तेमाल किया, लेकिन चैटजीपीटी से लेकर जेमिनी तक ने सिवाय द प्रिंट के और किसी जगह इस बयान की शुरूआत नहीं पाई। करीब चौबीस घंटे बाद भी पाकिस्तानी मीडिया पर इसकी कोई प्रतिक्रिया एआई टूल्स नहीं देख पाए। और द प्रिंट पर इस असाधारण और अभूतपूर्व बयान में बहुत बड़ी धमकियां गिनाई गई हैं जिनमें आसिम मुनीर के शब्दों में यह कहा गया कि पाकिस्तान अपने हमले की शुरूआत भारत के पूर्वी इलाके से करेगा जहां उसके सबसे मूल्यवान संसाधन है, और फिर वह पश्चिम की ओर बढ़ेगा। यहां पर इस सिलसिले में यह याद रखने की जरूरत है कि डॉनल्ड ट्रम्प लगातार, अब तक करीब तीन दर्जन बार यह सार्वजनिक दावा कर चुके हैं कि दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध उन्होंने रूकवाया है। और पाकिस्तान ने ट्रम्प का नाम नोबल शांति पुरस्कार के लिए मनोनीत भी किया है।

अभी हम पाकिस्तानी फौजी प्रमुख के इस कथित बयान की सच्चाई पर नहीं जा रहे, न तो पाकिस्तान से किसी ने इस पर हामी भरी है, और न इसे गलत ठहराया है। लेकिन हम बहुत बरसों से लगातार एक बात लिखते आ रहे हैं कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार संपन्न होना भारत के लिए बहुत बड़े खतरे की वजह इसलिए है कि उस देश की हुकूमत निर्वाचित लोकतंत्र के हाथ में न होकर फौजी ताकतों के हाथ में रहती है, और वहां के फौजी मुखिया भी धर्मान्धता के शिकार हैं। देश धर्म पर आधारित है, और सरकार और फौज से परे धर्मान्ध ताकतें भी वहां आतंकी संगठनों की शक्ल में काम करती हैं, और देश की सत्ता कुछ बिखरी हुई है। कभी-कभी ऐसा भी सुनाई पड़ता है कि पाकिस्तानी फौजी खुफिया एजेंसी, आईएसआई, एक अलग ही बेकाबू संस्था की तरह काम करती है। ऐसे में परमाणु हथियारों पर किसका, और कितना नियंत्रण है, यह एक रहस्य की बात है, और जहां पर फौज किसी पार्टी को चुनाव जितवाने में, किसी को प्रधानमंत्री बनवाने में, या हटवाने में लगी रहती है, वहां पर मुल्क के डूबने की नौबत आने पर कौन से नेता, या कौन से फौजी अफसर कोई आत्मघाती फैसला लेंगे, इसका कोई ठिकाना तो है नहीं। आज हम इस फौजी अफसर के कथित बयान को किसी भी दूसरी जगह से नहीं परख पाए हैं, लेकिन ऐसे किसी असली खतरे को अनदेखा करना भी ठीक नहीं है। खुद भारत के लिए यह जरूरी है कि वह पाकिस्तान से ऐसे खतरे के हिसाब से अपनी तैयारी रखे। यह एक अलग बात है कि आज भारत में लगातार दूसरा-तीसरा दिन है जब पाकिस्तान से जुड़ी बड़ी-बड़ी खबरें अनायास आ रही हैं, पहले तो भारत के फौजी अफसरों ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई बातें मंच और माईक से कहीं, जो कि इतने महीनों में नहीं कही गई थीं। और अब द प्रिंट की यह एक्सक्लूजिव रिपोर्ट आई है, जो कि भारत में एक उन्मादी प्रतिक्रिया पैदा करने की ताकत रखती है। अभी हम इसके पीछे, या अगर पाकिस्तानी फौजी अफसर का बयान सच्चा होगा, तो उसके पीछे की नीयत पर नहीं जा रहे हैं। लेकिन ऐसी चर्चाएं, खबरें, या ऐसे बयान इस बात को याद दिलाने के लिए काफी हैं कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के साथ ऐसी तनातनी वाले दुनिया के अनोखे पड़ोसी देश हैं, जो कि पहले कई बार तरह-तरह की जंग में उलझ चुके हैं, और जिनमें से एक देश पर कुछ बार फौजी हुकूमत भी रह चुकी है।

अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को देखकर ऐसा लगता था कि अमरीका के पूरी दुनिया पर चल रहे लगातार हमलों की वजह से भारत, चीन और रूस-ईरान एक-दूसरे के कुछ करीब आ सकते हैं, और ऐसे में चीनी मदद से जिंदा पाकिस्तान की तरफ से भारत को कोई नया खतरा नहीं रहेगा। लेकिन इस ताजा कथित बयान से कुछ और सोचने की नौबत आ रही है, इस खबर के बारे में भी, और अगर खबर सही है, फौजी बयान सही है, तो उस बयान के बारे में भी।

(देवेन्द्र सुरजन की वॉल से साभार)

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