
बर्मिंघम। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने कनाडा की मिशेल ली पर 21-15, 21-13 से जीत के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल स्वर्ण पदक जीत एक और उपलब्धि अपने नाम की। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने भी पुरुष एकल स्वर्ण जीत लिया। उन्होंने फाइनल मैच में मलेशिया के जी योंग एनजी को हराया। लक्ष्य सेन ने 19-21, 21-9, 21-16 से जीत हासिल की। बैडमिंटन में सात्विक और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने कमाल करते हुए भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। भारत का बैडमिंटन में तीसरा स्वर्ण पदक है। भारत ने बैडमिंटन में तीन स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते।
भारत कुल 61 पदकों के साथ चौथे स्थान पर रहा
भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन चार स्वर्ण सहित छह पदक जोड़े। भारत कुल 61 पदकों के साथ चौथे स्थान पर रहा। भारत के नाम 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक रहे। इस बार निशानेबाजी को शामिल नहीं किए जाने से भारत के कुल पदकों में कमी आने की आशंका व्यक्त की जा रही थी, लेकिन अंत में लॉन बाउल, जूडो, एथलेटिक्स आदि खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों के शानदार प्रदर्शन ने इस कमी को दूर कर दिया। कुल मिलाकर भारतीय दल का एक सराहनीय प्रदर्शन रहा। हॉकी में भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। फाइनल में आस्ट्रेलिया ने भारत को 7-0 से हराया। भारत का इन खेलों में हॉकी का यह तीसरा रजत पदक है। इससे पूर्व 2010 और 2014 में भी भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
CWG में भारत की उपलब्धि पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए लेकिन नीदरलैंड जैसे देश से पीछे रहने के कारणों के निराकरण के प्रयास केन्द्रीय खेल कूद मंत्रालय के साथ राज्य सरकारों को भी ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं की खोज और इनके तरासने की ओर प्रयास करने की जरूरत है।हमारे अधिकतर खिलाड़ी सामान्य परिवारों से आते हैं। इनको पौष्टिक आहार, उच्च कोटि के कोच उपलव्ध नहीं होते हैं। कई प्रतिभाएं धन के अभाव में,प्रशिक्षण किल में ही दमतोड़ देती है। सरकारें,शिक्षा,स्वास्थ्य,मनोरंजन,आदि अनेक लोक रंजन योजनाओं में अंकुर धन व्यय करती है। इसके इतर खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करने तथा उनके समुचित भोजनतथा प्रशिक्षण पर भी तिजोरी खोलनी चाहिए इसके लिए आम जनता से भी सहयोग की अपील कर धनराशि उपलव्ध कराई जा सकती है। देश की १३० करोड़ जनता में भामाशाहों की कमी नहीं है, जरूरत है सोये को जगाने की।