कोटा बहुत बदल गया, ब्रांड कोचिंग के साथ यहां की गलियां विदेशों सी दिखती है

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– दूसरे शहरों और विदेशों से आए इंजीनियरिंग कॉलेज के एलुमिनाई ने कोटा को सराहा
– अंतिम दिन खूब की मस्ती, नाचते-गाते एक दूसरे को विदाई दी

कोटा. कोटा बहुत बदल गया है। यहां कोचिंग इंस्टीट्यूट के मल्टी स्टोरीज कैम्पस और बड़ी-बड़ी सड़कें, जगमगाती गलियां, ऐसा लगता है मानो विदेश का कोई शहर हो। पहले इंजीनियरिंग कॉलेज जाते थे तो 3-4 किलोमीटर तक कोई मकान नजर नहीं आता था, अब शहर बहुत फैल भी गया है।
यह कहना है इंजीनियरिंग कॉलेज कोटा से 1999 में पासआउट ओ बैच के स्टूडेंट्स अभय, अमित गुप्ता, मनीष गोयल का। तीन दिवसीय ओ बैच की सिल्वर जुबली एलुमिनी मीट का समापन रविवार को हो गया। अंतिम दिन सभी ने खूब मस्ती की और नाचते-गाते एक दूसरे को विदा किया। देश के दूसरे शहरों और विदेशों तक से कोटा आए स्टूडेंट्स ने आयोजकों को सराहा।

अंतिम दिन का कार्यक्रम एलन के जवाहर नगर स्थित समुन्नत कैम्पस के समरस आॅडिटोरियम में हुआ। यहां सभी एलुमिनाई का पगड़ी व उपर्णा पहनाकर स्वागत किया गया। परिवार सहित राजस्थानी अंदाज में आदत सत्कार से सभी एलुमिनाई अभिभूत हो गए। इस अवसर पर एलन के निदेशक राजेश माहेश्वरी व डॉ.नवीन माहेश्वरी भी एलुमिनाई के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस बैच में बहुत से स्टूडेंट्स एलन के भी रहे, जिन्होंने उस समय की कोचिंग और आज के अनुभवों को साझा किया।

इस अवसर पर पिछले दो दिनों में कोटा में लिए अनुभव को साझा करते हुए एलुमिनाई ने कहा कि कोटा बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। अब तो शहर का नक्शा ही बदला हुआ नजर आ रहा है। बड़े शहर जैसा नजारा दिखने लगा है। चम्बल रिवर फ्रंट और आॅक्सीजोन पार्क तो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का बनाया हुआ है। यह शहर आने वाले दिनों में टूरिज्म के लिए भी जाना जाएगा। जब हम पढ़ते थे तब यहां घूमने के लिए सिर्फ एक स्थान चम्बल गार्डन हुआ करता था लेकिन अब तो रात को शहर की सड़कें भी घूमने लायक लगती है। बड़े-बड़े चौराहे और चौड़ी-चौड़ी सड़कें आकर्षक है। यही नहीं कोचिंग इंस्टीट्यूट्स भी बहुत बदल गए हैं। पहले छोटे बैच और सीमित कैम्पस होते थे, अब तो बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर्स और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, हॉस्टल देखते ही बनते हैं।
एलुमिनाई ने कहा कि कोटा ने अपनी अलग पहचान कायम की है और इस पहचान के दम पर आज कोटा शिक्षा की काशी के रूप में पहचाना जा रहा हे। इस पर हमें गर्व है। यहां आकर बहुत अच्छा महसूस हुआ और हम पुरानी यादों में खो गए।
अंत में एलुमिनी मीट आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने वाले सीआर चौधरी, राकेश मेवाड़ा, उमेश गोयल और अन्य कोटा के लोकल एलुमिनाई ने दूसरे देशों और शहरों से कोटा आए एलुमिनाई का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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