
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के भीतर बड़ी सर्जरी होने की बात अभी तक मीडिया और राजनीतिक गलियारों में ही चल रही थी। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात की धरती पर भरे मंच से ऐलान कर दिया कि जब तक कांग्रेस के भीतर छंटनी नहीं होगी तब तक कांग्रेस मजबूत नहीं होगी।
मंच गुजरात में था लेकिन राहुल गांधी का संदेश कांग्रेस के उन नेताओं के लिए साफ था जो कांग्रेस में रहकर भारतीय जनता पार्टी की मदद कर रहे थे। राहुल गांधी ने बेबाकी से कहा कि कांग्रेस के भीतर बहुत नेता ऐसे हैं जो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं। हमें उनकी छंटनी करनी होगी।
अभी तक तो केवल अटकलें लग रही थी और गांधी परिवार और पार्टी हाई कमान पर सवाल खड़े हो रहे थे। कहा जा रहा था कि राहुल गांधी और पार्टी हाई कमान कांग्रेस के भीतर बैठे स्लीपर सेल पर कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। राहुल गांधी ने 8 मार्च को भरे मंच से ऐलान कर दिया है कि वक्त आ गया कांग्रेस में छंटनी करने का। राहुल गांधी के दो दिवसीय गुजरात दोरे के बाद, भाजपा सदमे में आए या नहीं आए लेकिन कांग्रेस के वह नेता जो लंबे समय से कुंडली मारकर बैठे हैं राहुल गांधी का भाषण सुनकर जरूर सदमे में आ गए होंगे।
राहुल जब मंच पर पहुंचे और उन्होंने अपना भाषण देना शुरू किया तो मंच के सामने उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ता उनके एक-एक शब्द सुनकर उत्साहित होने लगे, और तालियां बजाकर राहुल गांधी की एक-एक बात का समर्थन करते नजर आए।
राहुल गांधी ने मंच से कहा कि कांग्रेस के बब्बर शेर के भीतर का कॉन्फिडेंस दिल से निकाल कर बाहर लाना होगा। शायद राहुल गांधी ने यह बात अपने कार्यकर्ताओं से कही लेकिन कार्यकर्ताओं का जोश देखकर स्वयं राहुल गांधी के दिल से स्वयं का कॉन्फिडेंस बाहर निकल आया और जो बात अभी तक पर्दे के अंदर थी वह बात राहुल गांधी ने भरे मंच पर कार्यकर्ताओं के सामने बोल दी। उनका कहना था कि कांग्रेस का भला तभी होगा जब पार्टी के भीतर बैठे भारतीय जनता पार्टी को मदद करने वाले नेताओं को कांग्रेस से बाहर नहीं किया जाए।
क्या यह बड़ा काम राहुल गांधी 5 और 6 अप्रैल को गुजरात में होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन से पहले कर देंगे और अधिवेशन में वह लोग दिखाई देंगे जिनके शरीर में कांग्रेस का खून दौड़ता हो। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस का सच्चा सिपाही वह जिसका हाथ कटे तो हाथ से कांग्रेस का खून निकलना चाहिए।
राहुल गांधी की बातों से लग रहा है कि वह पहले भारतीय जनता पार्टी से लड़ने की जगह कांग्रेस के उन नेताओं को पार्टी से बाहर करना चाहते हैं जो भारतीय जनता पार्टी से मिलकर कांग्रेस को नुकसान कर रहे हैं। क्या एक-दो दिन में कांग्रेस के भीतर छंटनी शुरू हो जाएगी।
राहुल गांधी के समझ आ गया कि कांग्रेस कमजोर नहीं है। कांग्रेस को कांग्रेस के अंदर बैठे नेताओं ने भाजपा से मिलकर कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में विपक्ष के पास 40% वोट हैं। स्थिति यह है कि यदि दो व्यक्तियों से बात करें तो उनमें से एक व्यक्ति कांग्रेस का और दूसरा बीजेपी का मिलेगा। मतलब साफ है गुजरात में कांग्रेस कमजोर नहीं है। गुजरात में कांग्रेस को 5% अपना वोट बढ़ाना है और यह वोट तब बढ़ेगा जब गुजरात के भीतर भाजपा से मिले नेताओं को कांग्रेस से बाहर करेंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)