प्रवासी भारतीय सम्मेलनः भारतवंशियों के दुनिया में बढते रूतबे का दिखा असर

इस बार सम्मेलन प्रवासीः अमृतकाल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार विषय पर हो रहा है। यह सर्वमान्य तथ्य है कि प्रवासी भारतीयों का देश के विकास में बहुत ही अहम भागीदारी रही है। उनके भेजे हुए धन ने देश के अनेक परिवारों को मजबूती दी है और सबल बनाया है।

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-प्रवासियों को कई सुविधा देनेे पर विचार कर रही है भारत सरकार

-द ओपिनियन-

इंदौर में भारतवंशी प्रवासी बेटे-बेटियों का जमावड़ा लगा हुआ है। वहां तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो रहा है। रविवार को शुरू हुआ इस तीन दिवसीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन होगा। इस दौरान 70 देशों से आए 3500 से अधिक प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होंगे। एक मोटे अनुमान के अनुसार भारतीय मूल के 3.4 करोड़ लोग दुनिया के विभिन्न देशों में आबाद हैं। सम्मेलन में पहले दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने युवा प्रवासी भारतीयों के सेशन को संबोधित किया। विदेश मंत्री ने विदेशों में बसे भारतीयों की सुविधा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कुछ और देश भारतीयों को वीजा और काम की अनुमति देने के प्रावधानों को उदार बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस बार सम्मेलन प्रवासीः अमृतकाल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार विषय पर हो रहा है। यह सर्वमान्य तथ्य है कि प्रवासी भारतीयों का देश के विकास में बहुत ही अहम भागीदारी रही है। उनके भेजे हुए धन ने देश के अनेक परिवारों को मजबूती दी है और सबल बनाया है।

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विदेश मंत्री जयशंकर ने सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों की देश के विकास में भागीदारी को बहुत ही गर्व के साथ रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय हैं और भारतीयों के बारे में जो सबसे अनोखा है, वह यह है कि विदेशों में रहकर भी मातृभूमि से जुड़े हैं। प्रवासी भारतीयों की अहमियत विदेश मंत्री से ज्यादा बेहतर कौन जान सकता है। उच्च पदों पर आसानी भारतवंशी भारत को एक नई पहचान दे रहे हैं और यह देश के लिए काम भी आ रही है। तभी तो उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा युग है जहां हम अपनी संभावनाओं के बारे में आश्वस्त हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जुड़ना चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि देश और विदेश में भारतीय युवा इस देश के विकास को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। केंद्र सरकार ने भारतीय युवाओं को विदेश में बेहतर माहौल देने के लिए जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, डेनमार्क और पुर्तगाल के साथ माइग्रेशन और मोबिलिटी को लेकर साझेदारी की है।
विदेशों में भारतवंशियों की उपलब्धियां कम नहीं है। वे हर क्षेत्र में अग्रणी है। अमरीका व ब्रिटेन में तो भारत वंशियों का विज्ञान के क्षेत्र में भी दबदबा है। अनेक देशों में वे व्यापार व अन्य क्षेत्रों में भी आगे हैं। कई देशों में राजनीति व सामाजिक क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी उपलब्धियों को नया आयाम और पहचान दी है।
ऑस्ट्रेलियाई सांसद जनेटा मैस्करेनहास ने कहा, भारतीय समुदाय ऑस्ट्रेलिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला प्रवासी है। भारतीय प्रवासी दुनिया में महान काम करना चाहते हैं। भारत एक विविधतापूर्ण देश है। हमें भारतीय संस्कृति का सबसे अच्छा पहलू मिलता है। भारतीय प्रवासियों में जबरदस्त कार्य नैतिकता है।

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी तथा कनाडा सहित विश्व के अनेक देशों में भारतीय मूल के नागरिक उस देश की आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन में अतुलनीय योगदान कर रहे हैं,अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर चिकित्सा सेवा में भारतीय प्रवासियों के योगदान को विश्व में सराहा जाता है. प्रवासियों से देश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित होती है जब वह अपने परिवार को कमाई की रकम भारत भेजते रहते हैं. एक तरह से यह भारत के एम्बेसडर भी हैं