
सोमवार को पौष पूर्णिमा के ब्रह्म मुहूर्त में प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ 2025 का आगाज हो गया। श्रद्धालुओं ने पुण्य की पहली डुबकी लगाई। महाकुंभ के प्रथम स्नान का साक्षी बनने और पुण्य अर्जित करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड मध्य रात्रि से ही मेला क्षेत्र में विभिन्न रास्तों से प्रवेश करने लगी। तडके संगम पर हर-हर गंगे और जय गंगा मैया के घोष के बीच स्नान शुरू हुआ। समय बढने के साथ श्रद्धालुओं का सागर चहुं ओर दिखाई दे रहा था। सारे घाट श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं। आज से ही संगम क्षेत्र में कल्पवास भी प्रारंभ हो गया। कल्पवास एक माह का होगा।
पुलिस और सिविल डिफेंस के वॉलंटियर भीड को नियंत्रित करने में जुटे थे। संगम पर पौष पूर्णिमा के स्नान और महाकुंभ की गम्भीरता को देखते हुए तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी निगरानी करते रहे।हालांकि कोहरे से राहत के साथ शीतलहर का प्रकोप भी कम रहा।
अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान करेंगे। श्रद्धालु जिस त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं वह गंगा, यमुना और ‘रहस्यमय’ सरस्वती नदियों का पवित्र संगम है। महाकुंभ 45 दिन तक चलेगा। प्रयागराज में 12 वर्ष बाद महाकुंभ लगा है।