
बारां। हाडोती अंचल की अन्नपूर्णा वराह नगरी बारां जिले के वासियों को विशुद्ध प्राण वायु प्रदान करने वाले शाहबाद जंगल में लगने वाले हाइड्रो पावर प्लांट हेतु वनभूमि में लाखों पेड़ों को काटे जाने के विरुद्ध चलाया जा रहा शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन में हाडोती ही नहीं बल्कि राज्य और देश भर के पर्यावरण प्रेमी और पर्यावरण विदों के साथ साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी इसमें शामिल हो चुके हैं। शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई निरस्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार द्वारा शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में हाइड्रो पावर प्लांट लगाने हेतु हैदराबाद की ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 407 8277 हेक्टेयर जमीन पर लगे 119759 पेड़ों को काटे जाने की वन प्रत्यावर्तन मंजूरी दे दी है। जिससे बारां जिले के शाहबाद की सुरम्य और सघन घाटियों के अस्तित्व पर गहरा संकट आ खड़ा हुआ है। हालांकि राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस वन भूमि पर निजी बिजली परियोजना स्थापित किए जाने हेतु केवल 119759 पेड़ों को काटे जाने का आंकड़ा जारी किया गया है परंतु हाल ही इस आंदोलन के समर्थन में बारां आए अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता और मैग्सेसे अवॉर्ड प्राप्त वॉटरमैन डॉ राजेंद्र सिंह और राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण विशेषज्ञ रॉबिन सिंह द्वारा उनकी टीम के साथ मौके पर पहुंच कर किए गए आंकलन में इन कटने वाले पेड़ों की अनुमानित संख्या 25 से 28 लाख तक मानी गई है। जिसमें भारत भर में पाए जाने वाली 800 औषधीय प्रजातियों में से 600 प्रकार के औषधीय गुणों वाले पेड़ काटे जाने वाले जंगल में लगे हुए हैं।
पर्यावरण विद् डॉ राजेंद्र सिंह और रॉबिन सिंह की उपस्थिति में आयोजित एक पर्यावरण संरक्षण कार्यशाला के बाद हाड़ौती संभाग में बहुत सारे लोग और संगठन इस आंदोलन में खुलकर सामने आ गए हैं। देश भर में 1 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लेने वाले कोटा विराज रहे पर्यावरण संरक्षक आचार्य मुनि प्रज्ञा सागर जी महाराज ने भी समर्थन देते हुए शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में पेड़ काटे जाने का विरोध किया है। वहीं दूसरी ओर इस आंदोलन को झालावाड़ अभिभाषक परिषद ने भी समर्थन देते हुए शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन को हर संभव सहयोग देने का फैसला लिया है। अभिभाषक परिषद झालावाड़ के अध्यक्ष राम माहेश्वरी,सदस्य धीरज आचार्य, अमितोष आचार्य और झालावाड़ में कार्य कर रहे पर्यावरण संरक्षक शशांक श्रोत्रिय ने बताया कि शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन के समर्थन में वर को परिषद के सदस्यों ने झालावाड़ कोर्ट परिसर में एक साथ मिलकर इस मामले को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते हुए इन पेड़ों की कटाई रोकने की मांग की और साथ ही ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लगाए जा रहे हाइड्रो पावर प्लांट की मंजूरी के केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के आदेश की भर्त्सना की।