
-द ओपिनियन डेस्क-
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। राज्यपाल रमेश बैस इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग, राज्य चुनाव आयोग को देंगे। इसके बाद चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जारी करेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का गलत इस्तेमाल कर अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप था। इस आधार पर चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल को गुरूवार को सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सूचना दी थी। चुनाव आयोग की सोरेन को अयोग्य करार दिए जाने की जानकारी सामने आने के बाद से झारखंड की राजनीति में दो दिन से गहमा गहमी बनी रही। हालांकि रमेश बैस ने गुरूवार को चुनाव आयोग की हेमंत सोरेन के बारे में रिपोर्ट राजभवन पहुँचने के मामले में अनभिज्ञता जाहिर की थी। लेकिन शुक्रवार को राज्यपाल ने अपना फैसला सुना दिया। इससे पूर्व सोरेन के आवास पर यूपीए के विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक के बाद कहा गया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। राज्यपाल का पत्र आने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
उधर,झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि झारखंड भाजपा के 16 विधायक उनके सम्पर्क में हैं जबकि हमें अपने सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। आज की बैठक में झामुमो और राजद के सभी विधायक शामिल हुए।