रेबीज जागरूकता दिवस आज

रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। ये रेबीज वायरस की वजह से होता है जो रबडोविरिडे परिवार के लिसावायरस जींस से पैदा होता है।

-राजेन्द्र गुप्ता-
रेबीज की वजह से पूरी दुनिया में पिछले पांच साल में कोरोना से ज्यादा लोगों की जान गई है। इस संक्रामक बीमारी की जद में हर साल हजारों की संख्या में लोग आते हैं। रेबीज और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य बीमारी के बारे में ज्ञान को बढ़ाना है और इसे कई देशों में मनाया जाता है। 28 सितंबर, प्रतिवर्ष ‘विश्व रेबीज दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। ये रेबीज वायरस की वजह से होता है जो रबडोविरिडे परिवार के लिसावायरस जींस से पैदा होता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारत में हर साल तकरीबन 20,000 रेबीज से मौतें होती हैं। रेबीज ने पि

छले पांच वर्षों में भारत में COVID-19 से ज्यादा लोगों की जान ली है। एक विशेष दिन पर, वैश्विक रेबीज समुदाय दूसरों के बीच इस संक्रामक बीमारी को सूचित करने और उससे निपटने में मदद करता है।

राजेन्द्र गुप्ता
विश्व रेबीज दिवस का इतिहास
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पहली बार विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर 2007 को मनाया गया था। ये आयोजन एलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, यूएसए के बीच एक सहयोग था, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर। दुनिया में रेबीज के प्रतिकूल प्रभाव से पीड़ित होने के बाद दोनों संगठनों ने इस दिन की शुरुआत की।
विश्व रेबीज दिवस का महत्व
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‘विश्व रेबीज दिवस’ दुनिया के लिए बीमारी के लोगों में आतंक को स्वीकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। रेबीज सभी स्तनधारियों और विशेष रूप से जंगली जानवरों के जरिए कॉन्ट्रैक्ट होता है। लुई पाश्चर की पुण्यतिथि की वजह से 28 सितंबर मेडिकल इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख है।
ये दिन रेबीज जैसी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए जानवरों की बेहतर देखभाल और कम ज्ञान फैलाने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक इस बीमारी की घटना को खत्म करना है।
दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठनों ने इस दिन को रेबीज के टीकाकरण शिविरों पर ध्यान केंद्रित करने और बीमारी को रोकने के लिए लोगों की सामूहिक भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चुना है। ये दिन हेल्थ फर्म्स और वेट्रीनरी ग्रुप्स, क्विज, निबंध प्रतियोगिताओं और दूसरे जागरूकता अभियानों के जरिए कैंपेन मैराथन रन के जरिए मनाया जाता है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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