
-संजीव कुमार-

अजब-गजब मध्यप्रदेश अब फिल्म और वेबसीरीज की शूटिंग का हब बनता जा रहा है। पांच साल में करीब 125 फिल्मों, वेवसीरीज और डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग का हिस्सा बने इस टाइगर स्टेट की फिल्म पॉलिसी इसमें खासी मददगार साबित हुई है। अभी हाल ही में बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्माताओं और पर्यटन विभाग व टूरिज्म बोर्ड के बीच हुए एमओयू ने न सिर्फ प्रदेश में शूटिंग की झड़ी लगने की संभावना जता दी, बल्कि बडे़ पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीद बांध दी है।
सिंघम, डॉन-2, तलाश, बॉडीगार्ड, हॉली डे आदि फिल्मों के निर्माता उत्पल आचार्य, फिल्म निवेशक डॉ राजकिशोर कावरे और शिवराज कावरे ने इस एमओयू पर साइन किए हैं। कावरे ने हाल ही में एक हजार करोड़ रूपए देश में फिल्म निर्माण पर निवेश किए हैं। एमओयू के मुताबिक, निर्माताओं को न सिर्फ प्रदेश में विभिन्न पर्यटन स्थलों की अनुमति समन्वय के लिए सिंगल विंडो सुविधा मिलेगी बल्कि मप्र पर्यटन इकाई में फिल्म क्रू के लिए डिस्काउंट भी मिलेगा।
मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जो शूटिंग के लिए पांच कैटेगरी में 35 लाख से 5 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दे रहा है। इसमें स्थानीय कलाकारों के लिए अनुदान से लेकर फिल्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, क्रू ठहरने के लिए छूट भी अलग से शामिल है।
इनकी चल रही शूटिंग
फिलहाल प्रदेश में 5 हिंदी फिल्मों, वेब सीरिज के साथ ही एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग चल रही है। कुछ के नाम तय है और कुछ के नहीं। विस्ताराम, महल, हरिओम, बफर जोन और अन्य प्रोजेक्ट के ये शूट जबलपुर, चंदेरी, भोपाल, रीवा, सीधी, ओरछा के साथ ही खजुराहो में चल रहे हैं।
इसलिए बॉलीवुड को भाता मप्र
बॉलीवुड को भाने के लिए प्रदेश के पास न सिर्फ पर्यटन स्थलों की कतार है, बल्कि भरपूर हरियाली और वन हैं। प्रदेश में ओरछा, खजुराहो, रीवा, पचमढ़ी, मांडू, महेश्वर, उज्जैन और चंदेरी जैसे लोकप्रिय गंतव्य और भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रायसेन और सीहोर के आसपास के बेरोजगार क्षेत्र फिल्म निर्माताओं के लिए पसंदीदा शूटिंग स्थल बन गए हैं।
दिलीप कुमार की आन से हुई शुरूआत
मध्य प्रदेश की फिल्म निर्माण की यात्रा तब शुरू हुई, जब राजगढ़ जिले के सुरम्य नरसिंहगढ़ शहर में प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार की फिल्म आन (1952) के दृश्यों की शूटिंग की गई। प्रदेश में शूट हुई प्रमुख फिल्में और वेबसीरीज में राजनीति, अशोका, शेरनी, गुल्लक, पंचायत, प्यार किया तो डरना क्या, दुर्गामती , छोरी, निर्मल पाठक की घर वापसी, जनहित में जरी, मोतीचूर चकनाचूर, कलंक, गंगाजल-2, रिवाल्वर रानी, तेवर, दबंग-2, बाजीराव मस्तानी, मोहनजो दारो, यमला पगला दीवाना, स्त्री, सुई धागा और पैडमैन आदि शामिल हैं।
(लेखक भोपाल निवासी एवं स्वतंत्र पत्रकार और स्तंभकार हैं)