आप ने एमसीडी चुनाव में बाजी मारी, 134 सीट जीत भाजपा को पछाड़ा

आप पार्टी की सफलता दिल्ली में अपनी सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों पर ध्यान केंद्रित करना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने अभियान का चेहरा बनाना, और राज्य और नागरिक निकाय पर शासन करने वाली एक ही पार्टी के साथ अपने स्वयं के डबल इंजन का वादा करना प्रमुख कारक रहे

-द ओपिनियन-

नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी बाजी मार ली है। उसने 15 साल बाद बीजेपी को सत्ता से बेदखल करते हुए दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीत लिया है। आप ने 250 में से 134 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि भाजपा ने 104 सीटें जीती हैं। कांग्रेस ने नौ वार्डों से जीत दर्ज की है।
राष्ट्रीय राजधानी में 250 वार्डों के लिए चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे। कुल 1,349 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इस साल की शुरुआत में तीन नगर निकायों के एकीकरण के बाद यह पहला चुनाव था। 2017 में, बीजेपी ने (तत्कालीन) 270 नगरपालिका वार्डों में से 181 पर जीत हासिल की थी, जबकि आप केवल 48 ही जीत सकी थी, और कांग्रेस 30 के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।
आप पार्टी की सफलता दिल्ली में अपनी सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों पर ध्यान केंद्रित करना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने अभियान का चेहरा बनाना, और राज्य और नागरिक निकाय पर शासन करने वाली एक ही पार्टी के साथ अपने स्वयं के डबल इंजन का वादा करना प्रमुख कारक रहे। भाजपा तीन कार्यकाल तक सत्ता में रही। उसे सत्ता-विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। उसे ऐसे नेता की भी कमी जो दिल्ली का चेहरा बन सकता और जिसकी लोकप्रियता केजरीवाल की बराबरी की हो। आम आदमी पार्टी का एमसीडी भ्रष्टाचार में डूबे होने और अक्षमता से प्रभावित होने की धारणा को आम जन तक पहंुचाने में समर्थ रही।

आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि छह महीने का गहन मेहनत की वजह से यह जीत मिली है। भाजपा के आप के खिलाफ प्रचार का भी प्रभाव नहीं पडा।

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