
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
पलाश गंधहीन होते हुए भी सौंदर्य की दृष्टि से सबसे आकर्षक और मनोहारी फूल है। वसंत का सबसे मोहक और चटक फूल है।

इसे कई नामों से जाना जाता है यथा- रक्तपुष्प, टेसू,किंसुक, त्रिपर्ण सुपर्णी आदि। इसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा है। इन दिनों पलाश छाये हुए हैं।

वसंत के श्रृंगार में पलाश की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फागुन में इसके पुष्प दीपक की लौ की तरह दिखाई देते हैं। इस फूल से निर्मित केसरिया और नारंगी रंग ब्रज की होली एवं इससे संबंधित लोकगीतों में खूब रचा-बसा है।

पलाश के बारे में नरेन्द्र शर्मा की कविता की पंक्तियां…
पतझर की सूखी शाखों में लग गयी आग, शोले लहके।
चिनगी सी कलियाँ खिली और हर फुनगी लाल फूल दहके॥


















