खरगे के महू में दिए बयान का दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस या भाजपा में किसे होगा फायदा!

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-देवेंद्र यादव-

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-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली मऊ में बयान दिया था कि गंगा में डुबकी लगाने से पेट नहीं भरेगा। पेट भरने के लिए रोटी और रोटी के लिए रोजगार चाहिए। मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान की भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आलोचना भी की मगर खड़गे का यह मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या कारगर होगा। सवाल यह है कि इस मुद्दे से चुनाव में फायदा भारतीय जनता पार्टी को होगा या फिर कांग्रेस को। मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार में नजर नहीं आ रहे थे। वह 29 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए नजर आए। इसी तरह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लंबे इंतजार के बाद चुनावी प्रचार दिल्ली स्थित वाल्मीकि मंदिर से शुरू किया। कांग्रेस के ये दोनों बड़े नेता मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी का फोकस दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं पर अधिक है।
देश के अंदर गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी भी दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग में अधिक है। शायद इसीलिए 27 जनवरी को खड़गे ने मऊ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि गंगा में डुबकी लगाने से पेट नहीं भरेगा। पेट तो रोटी से भरेगा और रोटी के लिए रोजगार जरूरी है और देश में रोजगार की कमी है।
क्योंकि मल्लिकार्जुन स्वयं दलित समुदाय से हैं इसलिए दलितों की पीड़ा को अच्छे से समझते हैं। यही कारण है कि दलित समुदाय पर मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रभाव स्वाभाविक है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के नेता महू में दिए खड़गे के बयान की निंदा करने लगे। मगर खड़गे की निंदा करने से भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में फायदा होगा या फिर नुकसान यह तो वक्त बताएगा मगर खड़गे ने यह बयान देकर भारतीय जनता पार्टी को अपने जाल में फंसा लिया। खड़गे इसके बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता आलोचना करेंगे उसका नुकसान कांग्रेस को नहीं होगा बल्कि भारतीय जनता पार्टी को अधिक होगा, क्योंकि खड़गे न यह बयान उस पावन धरती से दिया था जिस धरती को दलित, आदिवासी और पिछड़ी जाति के लोग पूजते हैं। वे बाबा साहब अंबेडकर को अपना भगवान मानते हैं और बाबा साहब अंबेडकर ने भी अपने समाज के लोगों को रोजगार मिले, शिक्षा मिले और भूखे नहीं सोए इसके लिए संघर्ष किया था। 27 जनवरी को बाबा साहब की जन्मस्थली पर खड़गे ने भी बाबा साहब की इस बात को दोहराया जो चिंता बाबा साहब ने दलितों को लेकर की थी।
भारतीय जनता पार्टी मल्लिका अर्जुन खड़गे की आलोचना कर कांग्रेस अध्यक्ष के जाल में फंस गई, क्योंकि दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोग रोजगार को लेकर परेशान हैं। देश की 80 करोड़ जनता सरकार के 5 किलो अनाज पर निर्भर है। ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों के मन में घर करेगा और इसका नुकसान चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को होगा।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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