‘कोटा- बूंदी हवाई अड्डे के लिए हाईटेंशन लाइनें , सबसे बड़ा टेंशन …’

3d501d1a d158 4165 85b1 71db2ff14395

-धीरेन्द्र राहुल-

dhirendra rahul
धीरेन्द्र राहुल

पिछले दिनों केन्द्रीय केबिनेट ने कोटा – बून्दी हवाई अड्डे के लिए 1507 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की है जबकि टेण्डर इसके कई माह पहले हो चुके हैं. एक भाई ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पोस्ट डाली कि तकनीकी रूप से ऐसा कैसे संभव है कि परियोजना की स्वीकृति बाद में हो और टेण्डर पहले हो जाए ? लेकिन मोदी है तो
सब कुछ संभव है बीड़ू.

कोटा – बूंदीवासियों के लिए यह संतोष की बात होनी चाहिए कि सरकार इसे अब युद्धस्तर पर बनाना चाहती है. खबर में कहा गया था कि दो साल में इसे बना दिया जाएगा. 2027 में यहां से व्यावसायिक उड़ानें होने लगेंगी. अब यहां यक्ष प्रश्न है कि ये दो साल का समय कब से शुरू होगा? अगर टेण्डर लेने वाली कंपनी ने मौके पर काम ही छह महीने की देरी से प्रारंभ किया तो प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी स्वाभाविक होगी.

c3e68109 d6b4 4d41 8475 ccc4b3f7f80a

कल मैं इस आशा के साथ कोटा- बूंदी हवाई अड्डे के प्रस्तावित स्थल को देखने पहुंचा था कि टेण्डर लेने वाली कंपनी ने साइट पर माल – मटैरियल डालना, स्टोर रूम और साइट ऑफिस बनाने का काम शुरू कर दिया होगा लेकिन मौके पर कुछ दिखाई नहीं दिया. बारिश का बहाना है. जाहिर है कि अभी दो महीने काम शुरू होने वाला नहीं है.

भले ही केन्द्रीय केबिनेट ने वहुत विलम्ब से स्वीकृति दी हो लेकिन कोटा विकास प्राधिकरण ने तो प्रारंभिक काम शुरू भी कर दिया है. करीब पौन किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवाल बना दी गई है. एयरपोर्ट के ठीक सामने के राष्ट्रीय राजमार्ग ( जयपुर- जबलपुर ) को चौड़ा ही नहीं किया बल्कि नाले को पक्का भी कर दिया गया है. यह सब आप फोटो में देखकर खुश हो सकते हैं. जिस दिन केडीए ने यह काम शुरू किया था, उस दिन भी मैं मौके पर था और पोस्ट लिखकर फोटो के साथ आपको सूचना दी थी.

9a132258 cb3f 4eaa bcaf ba24985bf403

इस प्रस्तावित हवाई अड्डे की परिधि में दो गांव स्थित हैं. एक है मानपुरिया और दूसरा गांव तुलसी. मानपुरिया के पशुपालक अभी भी एयरपोर्ट की जमीन से होकर निकलते हैं. मानपुरिया निवासी महावीर गुर्जर से बात हुई तो उनका कहना धा कि नेशनल हाइवे से उनका गांव 4.50 किलोमीटर दूर है. गांव से थोड़ी ही दूर पर बरधा बांध है. उनका कहना था कि गांव बाउंड्रीवाल के बाहर रहेगा. तब शायद नया रास्ता बने. हवाई अड्डा नेशनल हाइवे के साथ बन रहा है.

महावीर का कहना था कि बरसाती पानी से लबालब एक तलाई बाउंड्रीवाल के अंदर आएगी लेकिन तुलसी गांव से यहले वेदान्त सीनियर सैकंडरी स्कूल एयरपोर्ट की बाउंड्रीवाल से बाहर रहेगा.

एक समय था जब वेदान्ता इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ करता था लेकिन छात्रों की कमी की वजह से इंजीनियरिंग कॉलेज बन्द करना पड़ा, अब इस भव्य भवन में सीनियर सैकंडरी स्कूल चलता है. इस स्कूल का मालिक जयपुर रहता है.

थित्रों में आप देखेंगे कि इस हवाई अड्डे के सामने सबसे बड़ा चैलेंज बिजली की हाईटेंशन लाइनें हैं, जो चार पंक्तियों में हैं, इन्हें मीलों दूर शिफ्ट करना होगा, तभी हवाई जहाज मुक्ताकाश में उड़ान भर पाएंगे. यह काम खर्चीला होने के साथ श्रमसाध्य भी है. इस पर सबसे पहले ध्यान देने की जरूरत है.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments