वो कौन हैं जो राहुल गांधी के मिशन को फेल करना चाहते हैं!

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फोटो सोशल मीडिया

-देवेंद्र यादव-

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देवेन्द्र यादव

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जब 1 सितंबर सोमवार को बिहार की राजधानी पटना में अपनी वोटर का अधिकार यात्रा के समापन जनसभा में भाजपा नेताओं को चुनौती दे रहे थे, और बता रहे थे कि पहले मैंने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी के द्वारा की जा रही मतदाता सूचियो में धांधली को लेकर बम फोड़ा था। अब मैं वोट चोरी को लेकर हाइड्रोजन बम फोडूंगा। दूसरी तरफ समापन समारोह में एक बार फिर से पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को राहुल गांधी की गाड़ी से उतार कर अपमानित किया जा रहा था। मीडिया में 1 सितंबर का बड़ा धमाका राहुल गांधी की हाइड्रोजन बम की खबर का होना चाहिए था मगर यह धमाका पप्पू यादव के अपमान की खबर को लेकर होने लगा। राहुल गांधी को यह पता लगाना चाहिए कि उनके आसपास वह कौन लोग हैं जो उनकी बढ़ती राजनीतिक लोकप्रियता पर ब्रेक लगाना चाहते हैं। 17 अगस्त को राहुल गांधी ने बिहार में अपनी वोटर का अधिकार यात्रा शुरू की थी। इस यात्रा को जन समर्थन और जनता का सहयोग मिला। यात्रा पूर्णिया, सुपौल और अररिया पहुंची तो यात्रा भीड़ के कीर्तिमान स्थापित किए। यात्रा का अंत तक ऐतिहासिक रहा। यह क्षेत्र पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का था। पप्पू यादव और उनकी राज्यसभा सांसद पत्नी रंजीता रंजन ने राहुल गांधी की यात्रा को सफल बनाने के लिए बड़ी मेहनत की। राहुल गांधी की यात्रा सबसे अधिक सफल पूर्णिया सुपौल अररिया में हुई।

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फोटो सोशल मीडिया

इस बीच पूर्णिया में राहुल गांधी ने राजद नेता तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के बीच भरत मिलाप भी करवाया। पप्पू यादव ने जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तारीफ की। तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के मिलन से राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर चर्चा होने लगी कि यह मिलन इंडिया गठबंधन को विधानसभा चुनाव में बड़ा फायदा पहुंचाएगा। बिहार में जब चुनाव आयोग ने एस आई आर कराने का फरमान जारी किया था, तब सबसे पहले विरोध पप्पू यादव ने ही किया था। उन्होंने बिहार बंद और चक्का जाम किया। जिसका नेतृत्व राहुल गांधी ने किया। उस समय भी पप्पू यादव को राहुल गांधी की गाड़ी पर नहीं चढ़ने दिया था। बाद में जब राहुल गांधी को पता चला तब उन्होंने पप्पू यादव को दिल्ली बुलाया और बात की। पूर्णिया में राहुल गांधी ने पप्पू यादव को सम्मान दिया । लेकिन पप्पू यादव के साथ 1 सितंबर को जो घटना हुई वह सवाल खड़ा करती है कि वह कौन लोग हैं जो राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। जब तक राहुल गांधी अपने इर्द-गिर्द हल्दी की गांठ लेकर पंसारी बन कर बेटे नेताओं को नहीं पहचानेंगे तब तक वह हाइड्रोजन बम और मिसाइल या कोई भी हथियार भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल कर लें कोई असर नहीं होगा। राहुल गांधी के बम को उनके इर्द-गिर्द बैठे नेता बे असर कर देते हैं। राहुल गांधी को पता लगाना चाहिए कि वह महिला कौन थी जिसने पप्पू यादव को गाड़ी से उतारा। क्या वह राहुल गांधी की यात्रा को को-र्डिनेट कर रही थी। यदि वह कोऑर्डिनेटर थी, तो उसने यह ध्यान क्यों नहीं रखा की पप्पू यादव को पूर्णिया में राहुल गांधी ने अपनी गाड़ी में बैठा कर सम्मान दिया था। जिस धरती पर राहुल गांधी यात्रा कर रहे रहे थे वहां से पप्पू यादव सांसद हैं। राहुल गांधी को गंभीरता से समझना होगा कि उनके इर्द-गिर्द वह कौन लोग हैं जो नहीं चाहते कि उनका मिशन कामयाब हो।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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