‘कोटा के सेनापति दलेल खां की हवेली ध्वस्त की गई, जितने धन से गिराया, उतने में जीर्णोद्धार हो जाता…’

551293043 4262929800602733 2519641595525700714 n
-धीरेन्द्र राहुल-
dhirendra rahul
धीरेन्द्र राहुल

(वरिष्ठ पत्रकार)

मेरा बेटा गुन्नार गोदारा अपनी कंपनी के काम से पिछले दिनों जर्मनी गया था. उसके जर्मन साथी अधिकारी एक हेरिटेज बिल्डिंग दिखाने ले गए जो द्वितीय विश्व युद्ध में शहर से दूर होने की वजह से बमबारी से बची रह गई थी. वह भवन दो सौ साल पुराना था. जर्मनवासी उस पर गर्व करते हैं और उसका शिद्दत से संरक्षण भी. लेकिन हमारे यहां विरासत की कोई कद्र नहीं. न तो तोड़ने का आदेश देने वाले को पता और न ठेकेदार को पता कि वे क्या तोड़ रहे हैं?
552632628 4262928280602885 771390542180331733 n
दलेल खा की हवेली जब साबुत थी, तब उसमें बालिका स्कूल चलता था पुराना फोटो ( सर्वेश हाडा के सौजन्य से ).
पिछले दिनों पिपलौदी में स्कूल भवन की छत गिरने से सात बच्चों की मृत्यु हो गई थी. उसके बाद जर्जर स्कूलों को तोड़ने का सिलसिला प्रारंभ हुआ तो कोटा के मोखापाड़ा के जर्जर बालिका स्कूल को भी तोड़ दिया गया. तोड़ने वालों को नहीं मालूम था कि यह स्कूल कोटा राज के महान सेनापति दलेल खा पठान का था.
550978978 4262928310602882 323687052049132398 n
कोटा के गुलाबबाड़ी में दलेल खा और जौहरा बीबी का मकबरा.
कोटा के महाराव उम्मेद सिंह प्रथम का काल सन् 1770 से लेकर 1819 का माना जाता है, उस समय झाला जालिम सिंह दीवान और दलेल खां पठान सेनापति थे. दोनों में घनिष्ठ मित्रता थी. झाला जालिम सिंह कहते थे कि अगर दलेल खां पहले मर गया तो फिर मैं कैसे जीवित रहूंगा. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. झाला जालिम सिंह सन् 1819 में स्वर्ग सिधार गए जबकि दलेल खां की मृत्यु 1833 में हुई.
इतिहासविद् फिरोज अहमद के अनुसार दलेल खां अच्छे सेनानायक के साथ भवन निर्माण में भी सिद्धहस्त थे. झाला जालिम सिंह ने झालरापाटन के किले / परकोटे का निर्माण दलेल खां की देखरेख में ही करवाया. दलेल खां की मृत्यु के बाद जालिम सिंह के बेटे झाला माथोसिंह ने कोटा में गुलाबबाड़ी में दलेल का मकबरा बनाया.उनकी बीबी जौहरा को भी उनकी बगल में ही दफनाया गया. गुलाबबाड़ी में यह मकबरा जैन कॉलोनी के मध्य स्थित है.जो हाल ही में विकसित हुई है. यहले यहां खेती होती थी.
मोखापाड़ा में जो बालिका विद्यालय तोड़ा गया, वह इन्हीं दलेल खा का निवास था. इस भवन के पीछे एक गली हैं, फिर शाही मस्जिद है. जिसका निर्माण भी दलेल खां ने ही करवाया था. उसमें अभी भी नमाज अदा की जाती है.
कोटा शहर के चन्द्रघटा में बीबी जौहरा की मस्जिद है, जिसका निर्माण दलेल खां की बीबी जौहरा ने
करवाया था. इस प्रकार कोटा के इतिहास के एक अध्याय का अंत हो गया.
551002202 4262928613936185 4355677935533612135 n
कोटा हेरिटेज वाॅक के संयोजक सर्वेश हाडा इस भवन को गिराये जाने से बहुत क्षुब्ध हैं. उनका कहना था कि जितने पैसे इस मजबूत इमारत को गिराने में लगे उतने में तो इसका जीर्णोद्धार और संरक्षण हो जाता.
सर्वेश ने ही तीन दिन पहले मुझे फोन किया था. मुझे अपने अज्ञान पर शर्म आती है, इस शहर में पत्रकारिता करते 45 साल हो गए. लेकिन उनका फोन आने से पहले मुझे दलेल खां के स्वर्णिम इतिहास के बारे में पता नहीं था.
अब पता चला है तो आप भी मुलाहिजा फरमाइए.
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments