भगवान नटराज की ढाई दशक पहले चुराई मूर्ति चित्तौड़ दुर्ग में स्थापित

कुछ सालों पहले राजस्थान पुलिस को एक मूर्ति चोर गिरोह के सरगना वामन नारायण और उसके साथियों को पकड़ने में सफलता मिली थी और उनके पास से बड़ी संख्या में विभिन्न निशानों से चुराई गई मूर्तियां बरामद हुई थी और ऐसी ही चोरी गई मूर्तियों के बारे में भी सूचनाएं मिली थी जिन्हें चुराने के बाद विदेशों में बेच दिया गया जिसमें बडोली के मंदिर से चुराई गई यह भगवान नटराज या कहे, नटेश की मूर्ति भी शामिल थी और उस समय ही इस बात का पुख्ता खुलासा हुआ था कि असल मूर्ति चुराने के बाद उसकी नकल को जंगल में डाल दिया गया था ताकि पुलिस गुमराह हो सके और असल मूर्ति की तलाशी बंद कर दी जाये।

murthi
दोनों चित्रों में से बांई और की नटराज की मूर्ति असली है जबकि वामन नारायण गिरोह ने चोरी के बाद गुमराह करने के लिये जिस नकली मूर्ति को जंगल में फेंका था,उसका चित्र दांई तरफ है।

-कृष्ण बलदेव हाडा-

kbs hada
कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान में कोटा से चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा की ओर जाने वाले रास्ते पर रावतभाटा से नजदीक स्थित प्राचीन बाडोली के प्रसिद्ध मंदिर से करीब ढाई दशक पहले चुराई गई मूर्ति को ब्रिटेन से वापस लौट कर सोमवार को चित्तौड़गढ़ के किले में फिर से स्थापित कर दिया गया।
इस मौके पर सोमवार को आयोजित एक समारोह में केंद्रीय सांस्कृतिक एवं संसदीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी है, तब से अब तक विदेशों से वे 229 मूर्तियां वापस लाई जा चुकी है जिन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों से चुरा कर विदेशों में बेच दिया गया। इनमें से रावतभाटा के बाडोली के मंदिर की भगवान नटराज या भगवान नटेश की यह दुर्लभ मूर्ति भी शामिल है जिसे लंदन से लाया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोटा-रावतभाटा रोड़ पर बाडोली के इस मंदिर से यह मूर्ति ढाई दशक पहले चोरी चली गई थी। हालांकि बाद में कुछ ही समय उपरांत भगवान नटराज की एक मूर्ति पुलिस को जंगल से बरामद हुई जो असल में एक नकली मूर्ति थी और मूल मूर्ति की चोरी करने वाले गिरोह ने पुलिस और जनता को गुमराह करने के लिए असली मूर्ति की जैसी बनाई गई नकली मूर्ति को जंगल में डाल दिया था जिसे सूचना मिलने पर पुलिस ने बरामद तो कर लिया, लेकिन बाद में जब उस मूर्ति की जांच पड़ताल हुई तो यह पता चला कि यह असली नहीं बल्कि असली मूर्ति की बनाई गई नकल है।
कुछ सालों पहले राजस्थान पुलिस को एक मूर्ति चोर गिरोह के सरगना वामन नारायण और उसके साथियों को पकड़ने में सफलता मिली थी और उनके पास से बड़ी संख्या में विभिन्न निशानों से चुराई गई मूर्तियां बरामद हुई थी और ऐसी ही चोरी गई मूर्तियों के बारे में भी सूचनाएं मिली थी जिन्हें चुराने के बाद विदेशों में बेच दिया गया जिसमें बडोली के मंदिर से चुराई गई यह भगवान नटराज या कहे, नटेश की मूर्ति भी शामिल थी और उस समय ही इस बात का पुख्ता खुलासा हुआ था कि असल मूर्ति चुराने के बाद उसकी नकल को जंगल में डाल दिया गया था ताकि पुलिस गुमराह हो सके और असल मूर्ति की तलाशी बंद कर दी जाये।
केंद्र सरकार के प्रयासों से करीब 270 किलो वजनी और चार फीट ऊंची यह भगवान नटराज की मूर्ति को राजनयिक प्रयासों के बाद लंदन के एक म्यूजियम से भारत लाया गया और अब सोमवार को उसे चित्तौड़गढ़ लाकर पुनर्स्थापित किया गया है। इस मूर्ति को नई दिल्ली से पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच चित्तौड़गढ़ लाया गया था।
अभी इस मूर्ति को चित्तौड़गढ़ में ही रखा जाएगा और यह स्पष्ट नहीं है कि इसे फिर से रावतभाटा के पास की प्राचीन बाडोली मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा अथवा नहीं।
श्री मेघवाल ने सोमवार को जानकारी दी कि वर्ष 2013 से पहले तक केवल आठ मूर्तियां विदेश से भारत लाई गई जो चोरी हो कर विदेश चली गई थी, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद चोरी होकर विदेश गई 229 मूर्तियां भारत लाई जा चुकी है।
श्री मेघवाल ने सोमवार को चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर 25 वर्ष पूर्व बाडोली से चोरी हुई इस नटराज की मूर्ति लंदन म्यूजियम से वापस चित्तौड़गढ़ लाने एवं जौहर स्थल पर तीनों जौहर के इतिहास बताने वाले शिलालेख के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि दूसरे देश मूर्तियों पर अपना हक जताते थे लेकिन भारत सरकार न्याय संगत तरीके से इन मूर्तियों को विदेश से लाने में सफल रही।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments