
-राजेन्द्र गुप्ता-

हिंदू धर्म में होली का त्योहार पांच दिन तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन से होती है और रंग पंचमी पर इसका समापन। होलिका दहन के अगले दिन यानी की चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर रंगों की होली खेली जाती है। फिर द्वितीया तिथि पर भाई दूज मनाई जाती है और रंग पंचमी का त्योहार होली का अंतिम पड़ाव माना जाता है। इसे देव पंचमी और श्री पंचमी भी कहा जाता है।
रंग पंचमी की तिथि
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हर साल होली के बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पक्ष की पंचमी तिथि रंग पंचमी होती है। रंग पंचमी का पर्व 12 मार्च 2023 रविवार को है। शास्त्रों के अनुसार रंग पंचमी के दिन देवी-देवता रंगोत्सव मनाते हैं।
रंग पंचमी का मुहूर्त
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पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 11 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी और पंचमी तिथि की समाप्ति 12 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। उदयातिथि के अनुसार रंग पंचंमी का त्योहार 12 मार्च को मान्य रहेगा।
देवताओं के साथ होली खेलने का समय – सुबह 09.38 – दोपहर 12.37 (12 मार्च 2023)
क्यों मनाते हैं रंग पंचमी का त्योहार ?
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पौराणिक मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता अपने भक्तों संग होली खेलने पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए रंग पंचमी के इस पर्व को देव पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन हुरियारे हवा में गुलाल उड़ाते हैं। माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन वातावरण में गुलाल उड़ाना शुभ होता है। धार्मिक मान्यता है कि रंग पंचमी पर देवी-देवताओं को गुलाल अर्पित करने से वह सुख-समृद्धि और वैभव का आशीर्वाद देते है, घर में श्री अर्थात धन समृद्धि की वृद्धि होती है। कहते हैं गुलाल जब हवा में उड़ता है और जो इसके संपर्क में आता है उसमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। तमोगुण और रजोगुण का नाश होता है और सतोगुण में वृद्धि होती है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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