अहिल्याबाई होल्कर की फाइनेंसियल लिटरेसी विषय पर प्रतियोगिताओं का आयोजन

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-भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र

कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र के तत्त्वावधान में महारानी “अहिल्याबाई होल्कर की फाइनेंसियल लिटरेसी” विषय पर व्याख्यान, भाषण एवं वीडियो मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग ग्रहण किया। मुख्य वक्ता इतिहास विभाग प्रभारी प्रो. निधि शर्मा ने महारानी अहिल्याबाई होल्कर विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए अपने साम्राज्य को आर्थिक और प्रशासनिक तौर पर मजबूत किया। इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाते हुए व्यापारिक और आर्थिक स्तर को ऊंचाइयों पर पहुंच दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. रोशन भारती ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर का व्यक्तित्व और कृतित्व उन्हें विश्व की श्रेष्ठतम महिलाओं में अग्रणी बनाता है। महारानी अहिल्याबाई ने राजसी सुखों को त्याग कर दुखी पीड़ित जन की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। उनमें एक कुशल शासक के सभी गुण विद्यमान थे। भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र के समन्वयक प्रो. विवेक मिश्र ने अपने उद्बोधन में बताया कि अहिल्याबाई होल्कर का अपने विवेकपूर्ण, वित्तीय प्रबंधन और सतत विकास व्यापार बजट कर आदि के लिए तत्कालीन परिस्थितियों में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अपने समय से काफी आगे की सोच रखने वाली अहिल्याबाई ने अपने ससुर मल्हार राव होल्कर के अटूट समर्थन के साथ ऐसे दौर में महिला शिक्षा और सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया, जब समाज के दकियानूसी नियम और पुरुषवादी सोच का बोलबाला था। वादविवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आयुष्मान सिंह, द्वितीय स्थान लकी पारेता ने प्राप्त किया। छात्रों ने महारानी अहिल्या बाई होल्कर पर वीडियो भी बनाई।कार्यक्रम का संचालन भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ.मनोरंजन सिंह ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संकाय सदस्य यथा प्रो. संजय लक्की, प्रो. रामावतार मेघवाल, प्रो. प्रभा शर्मा, प्रो. सीमा गुप्ता, प्रो. संतोष मीना, प्रो. प्रमिला गुप्ता, डॉ महावीर साहू, डॉ. हिमा गुप्ता, डॉ रमेशचंद मीना,श्रीमती पूनम मैनी डॉ बसंतलाल बामनिया की सम्मानीय उपस्थिति रही। कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र के सभी सदस्य प्रो. अंजलि शर्मा, डॉ. समयसिंह मीना , डॉ चंचल गर्ग की कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी रही।

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