
-हिंदू कालेज में भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन पर कार्यक्रम
दिल्ली। पर्यावरण की कीमत पर विकास का कोई लाभ नहीं है। पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए ही विकास की योजनाएं होनी चाहिए। जल संरक्षण हमारे लिए एक बहुत जरूरी विषय है जो मनुष्यता के भविष्य से जुड़ा है।
हिंदू कालेज में केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के सहयोग से आयोजित भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन पर सार्वजनिक संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक एस के मोहिद्दीन ने दिल्ली राज्य के विभिन्न इलाकों में भूजल की वास्तविक स्थिति और भूजल संरक्षण के लिए किए जा रहे उपायों की विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के साथ आयोजित कार्यक्रम में मोहिद्दीन ने विभिन्न मानचित्रों एवं तालिकाओं के द्वारा दिल्ली के जिलों की भूजल स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली का भूजल आमतौर पर प्रदूषित नहीं है और इसका संरक्षण बड़ी जरूरत को पूरा कर सकता है। मोहिद्दीन ने कहा कि प्रति व्यक्ति जल आपूर्ति के आंकड़ों में भारत में दिल्ली सबसे ऊपर है यदि हमने वर्षा जल और भूजल संरक्षण नहीं किया तो इसे पूरा करना संभव नहीं होगा।
आयोजन में दिल्ली जल बोर्ड पूर्व मुख्य अभियंता आर के सिंघल ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति में बताया कि हम अपने देश में केवल आठ से दस प्रतिशत वर्षा जल ही संरक्षित कर पाते हैं जबकि विश्व भर में हमारा देश अच्छी वर्षा के इलाकों में आता है। सिंघल ने आंकड़ों के आधार पर कहा कि चिंता की बात है कि देश में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता गिरती जा रही है। उन्होंने वर्षा जल को संरक्षित करने के उपायों की चर्चा की और इसे प्रकृति के साथ सहजीवन का सबसे सही रास्ता बताया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में भूगर्भ विज्ञान के आचार्य प्रो शशांक शेखर ने भूमि जल गुणवत्ता और प्रबंधन विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने भारत के अलग अलग क्षेत्रों के भूमि जल में आमतौर पर पाए जाने वाले हानिप्रद रसायनों के बारे में बताया। दिल्ली का उदाहरण देते हुए प्रो शेखर ने कहा कि जब तक यमुना मैली है तब तक हमारे पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन पर प्रश्नचिह्न लगा रहेगा।
इससे पहले दीप प्रज्वलन के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ पल्लव ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हिंदू कालेज परम्पराओं का घर रहा है जहां ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण के साथ जीवन से जुड़े सभी मुद्दों पर पहल की जाती है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिसर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सौर ऊर्जा के उपयोग की गतिविधियां चल रही हैं। आयोजन में जंतु विज्ञान की प्रो अनुपम वार्ष्णेय, संपदा अधिकारी अनुज गुप्ता, बोर्ड के सहायक निदेशक (राजभाषा) गोपाल प्रसाद सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे। भूमि जल बोर्ड में वैज्ञानिक प्राची गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्र गान के साथ आयोजन संपन्न हुआ।