गांवों की संप्रभुता से ही भारत में लोकतंत्र एवं विकास संभव

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कोटा.  देश के विभिन्न राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में स्थित रविन्द्रालय सभागार में भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) की ओर से पंचायत दिवस की पूर्व संध्या 23 अप्रैल को आयोजित किसान कार्यकर्ता सम्मेलन में आमंत्रित हाड़ोती किसान यूनियन के महामंत्री एवं राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह के राष्ट्रीय संयोजक किसान नेता दशरथ कुमार ने अपने उद्बोधन में हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की भारत की संप्रभुता गांवों की संप्रभुता (पंचायत राज – पंच परमेश्वर) पर आधारित थी जिससे भारत की पहचान विश्व की आर्थिक संपन्नता में तीस प्रतिशत से अधिक थी परन्तु आजादी के बाद से गांवों को शहरों – महानगरों की संपन्नता एवं विकास के लिए शोषण का केंद्र बना दिए गये जिससे देश में आर्थिक विषमता पनपने लगीं ऐसी स्थिति में लोकतंत्र का स्वरूप भी पुजीं पर आधारित बनने लगा है यदि देश में भाईचारा, सदभाव एवं सहिष्णुता के लिए पुनः देश के सभी किसान संगठनों एवं सरकारों को गांवों को संप्रभुता संपन्न बनाकर भारतीय लोकतंत्र के स्वरूप को विश्व में स्थापित करने के लिए कार्य करना होगा।
दशरथ कुमार ने सम्मेलन में विभिन्न प्रदेशों से आए किसान नेताओं एवं उत्तर प्रदेश के लगभग सत्तर जिलों से आए किसान कार्यकर्ताओं को अवगत करवाया की भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए महात्मा गांधी के विचार के अनुरूप गांवों में लघु एवं कुटीर उद्योगों को आधार बनाकर अपनी अर्थव्यवस्था को स्वावलंबी बनाकर भारतीय लोकतंत्र को प्रभावशाली बनाने के लिए ग्राम स्वराज के बुनियादी 14 सिद्धांतों पर कार्य करना पड़ेगा जिसमें दलिय, जातिय सहित पुंजी के आधार पर स्थापित हो रहें लोकतंत्र के स्थान पर भारतीय लोकतंत्र (पंचायत राज – पंच परमेश्वर) को पुनः स्थापित करना होगा जिसमें राजनीति दलों की भूमिका एवं सैनिक शासन व्यवस्था से दूरी बनानी होगी सम्मेलन में मध्य प्रदेश से आए किसान नेता शिव कुमार कक्का हरियाणा से दिलबाग हुड्डा बिहार एवं उत्तराखंड के किसान नेताओं ने भी किसान आंदोलन की व्यापकता के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने के सुझाव दिए, सम्मेलन की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी रिषी पाल अम्बावत ने करते हुए अपने संबोधन में कहा की देश के विभिन्न समविचार धारा पर आधारित किसान नेताओं एवं संगठनों को संगठित कर आगामी चुनावों में किसानों की सरकार बनाने के लिए कार्य करने की आवश्यकता बताई। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिस गाज़ी ने किसान कार्यकर्ता सम्मेलन का संचालन किया!

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