डा. हर्ष मंदर के कोटा में तीन व्याख्यान 26 को

व्याख्यान के विषय…

‘दिलों का बँटवारा और आज का भारत’

‘आज़ादी की लडाई के सपनों का भारत’

‘संविधान, लोकतंत्र और आज की हकीक़त’

 

-संजय चावला-

कोटा। देश के जाने माने लेखक, स्तंभकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा राष्ट्रीय अभियान ‘कारवां-ए- मोहब्बत’ के संस्थापक डा.हर्ष मंदर मंगलवार 26 सितम्बर को कोटा की तीन अलग अलग संस्थाओं में व्याख्यान देंगे। डा. मंदर शोध संगठन सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज़ , नयी दिल्ली के निदेशक भी हैं। दोपहर 12 से राजकीय महाविद्यालय के सेन्ट्रल हाल में ‘दिलों का बँटवारा और आज का भारत’ विषय पर उनका व्याख्यान होगा। इसके बाद वसंत विहार स्थित अकलंक बीएड कालेज में दोपहर 2 बजे से ‘आज़ादी की लडाई के सपनों का भारत’ विषय पर तथा अंत में एरोड्रोम के सामने स्थित इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इन्जीनियर्स भवन में सायं 6 से 7 बजे तक ‘संविधान, लोकतंत्र और आज की हकीक़त’ विषय पर उनका व्याख्यान होगा। इन व्याख्यान सत्रों में शहर के बुद्धिजीवियों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा से जुड़े छात्र छात्राओं को आमंत्रित किया गया है। व्याख्यान सत्रों से पूर्व प्रातः 11 बजे राजकीय महाविद्यालय स्थित सहायक निदेशक कालेज शिक्षा कार्यालय में डा.हर्ष मंदर स्थानीय प्रेस प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे।
आईएएस का पद छोड़ा
डा. मंदर ने मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में दो दशक तक आईएएस के पद पर कार्य किया। 2002 के गुजरात दंगों के विरोध में उन्होंने स्वैछिक सेवानिवृत्ति ले ली और सामजिक कार्यकर्त्ता के रूप में सक्रिय हो गए। आप सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय अभियान के संस्थापक सदस्य हैं। आप भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बंधुवा मजदूर तथा मेंटल हॉस्पिटल के कोर ग्रुप के सदस्य रहे हैं। आप यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफोर्निया, बर्कले केप्रोजेक्ट ओन आर्म्ड कोंफ्लिक्ट रेसोल्यूशन एंड पीपल्स राईट्स की वर्किंग ग्रुप के सदस्य भी हैं। आपको 2010 में भारत के राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् का सदस्य नियुक्त किया गया। आप खाद्य सुरक्षा बिल, भूमि अवाप्ति तथा पुनर्वास बिल, बाल मजदूरी उन्मूलन, शहरी गरीबी तथा आवासहीनता, विकलांगता अधिकार, बंधुवा मजदूर, स्ट्रीट वेंडर्स, शहरी झोपड़ पट्टी आदि के वर्किंग ग्रुप के कन्वीनर रहे हैं।
आपने गुजरात के सांप्रदायिक नरसंहार के बाद अमन बिरादरी नामक जन अभियान की स्थापना की जो धर्मनिरपेक्ष, अमनपसंद, न्यायसंगत, मानवीय संसार की स्थापना के लिए कार्य करती है.यह संस्था अन्य लाईक मायिन्डीड संस्थाओं के साथ मिलकर संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए कार्य करती है।
टीचिंग करियर
आपने एम्स्टरडैम विश्वविद्यालय से शोध उपाधि प्राप्त की। आपका शोध विषय भी समाज का असुरक्षित वर्ग और भारत में नीति निर्धारण था। डा. हर्ष मंदर आईआईएम अहमदाबादतथा सेंट स्टीफंस कालेज दिल्ली में गरीबी तथा शासन विधि का कोर्स पढ़ाते है। आप लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन मसूरी के डिप्टी डायरेक्टर रहे हैं। इसके अतिरिक्त जेएनयु दिल्ली, यूके तथा युएसए के अनेक विश्वविद्यालयों में आपके व्याख्यान हो चुके हैं।
कृतित्व एवं पुरूस्कार
डा. हर्ष मंदर एक प्रोलिफिक राईटर हैं तथा उन्होंने 25 से अधिक पुस्तकों की रचना की है तथा द हिन्दू, द हिन्दुस्तान टाईम्स, द स्क्रोल, द वायर, द इंडियन एक्सप्रेस तथा दैनिक भास्कर में आपके विद्वतापूर्ण लेख छपते रहते हैं। उनकी कहानी ‘समर’ पर श्याम बेनेगल फिल्म बना चुके हैं तथा मल्लिका साराभाई ने ‘अनसुनी’ नामक नृत्य नाटिका भी बनायीं थी। आपको शांति सद्भाव के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर 2002 में राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरूस्कार तथा एमए टॉमस ह्यूमन राईट्स अवार्ड से नवाज़ा गया है। 2012 में आपको दक्षिण एशियाई अल्पसंख्यक अधिवक्ता सद्भावना पुरूस्कार तथा चिस्ती सद्भावना पुरूस्कार भी प्रदान किया गया था. 2022 में आपको नोबल शांति पुरूस्कार के लिए भी शोर्ट लिस्ट किया गया था।

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