
-अशोक सैनी-
कोटा। बांद्रा-देहरादून एक्सप्रेस (19019-20) 15 सितंबर से एलएचबी कोचों के साथ दौडेगी। इस ट्रेन में एक प्रथम सह द्वितीय एक द्वितीय एवं पांच तृतीय वातानुकूलित, आठ शयनयान, तीन सामान्य, एक ब्रेक सह लगेज यान, एक जेनरेटर तथा एक पार्सल यान सहित कुल 21 कोच होंगे। जर्मन कंपनी लिंक हाफ मैन बुस की तकनीक से बने इन कोचों में यात्रियों का सफर पहले से अधिक आरामदायक होगा। संरक्षा की दृष्टि से भी यह को पारंपरिक की तुलना में अधिक सुरक्षित होंगे। दुर्घटना होने पर यह कोच एक दूसरे पर नहीं चढ़ते।
वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल शुरू, 160 की रफ्तार से दौड़ी
अपने नए वर्जन के साथ सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत का ट्रायल गुरुवार से कोटा मंडल में शुरू हुआ। पहले दिन ट्रेन अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी। ट्रेन सुबह सबसे पहले इंद्रगढ़ के लिए रवाना हुई। यहां से महिदपुर रोड गई। महिदपुर से ट्रेन वापस कोटा लौटकर घाट का बराना गई। घाट का बराना से ट्रेन भवानीमंडी पहुंची। यहां से ट्रेन वापस कोटा कोटा लौटी। घाट का बराना ट्रायल के दौरान मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा सहित कई अधिकारी भी ट्रेन में मौजूद रहे।
आज दौड़ सकती है 180 से
शुक्रवार को भी ट्रेन का परीक्षण जारी रहेगा। इस दौरान ट्रेन अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। ट्रेन के परीक्षण के लिए कई ट्रेनों को रोका गया। इसके चलते यात्री परेशान रहे। इंदौर-उधमपुर ट्रेन को करीब आधा घंटा रामगंजमंडी आउटर पर खड़ा रख गया। हालांकि रामगंजमंडी में खड़े रहने के दौरान इस ट्रेन के नागदा से निकलने की जानकारी दी जा रही थी। यह जानकारी रेलवे द्वारा ऑनलाइन (एमटीएस) पर दी जा रही थी। लोगों द्वारा शिकायत करने पर रेलवे ने इसे गलती से होना बताया था।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं रेल मामलों के जानकार हैं)

















