दलित और पीड़ित समुदाय में छुपे हुए हैं भविष्य के बीज

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-“विकल्प” जन सांस्कृतिक मंच ओर से काव्य गोष्ठी आयोजित

कोटा। “विकल्प” जन सांस्कृतिक मंच द्वारा शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखिका डा. कृष्णा कुमारी ने की। गोष्ठी में विशिष्ट कवियित्री के रूप में मेघना तरुण ने अपनी कविताओं में वर्तमान व्यवस्था के जन विरोधी और पाखंडी चरित्र को तार तार करते हुए कहा कि आम जन को अभी तक आजादी नहीं मिली। डॉ. शबाना सहर ने अपनी ग़ज़लों में महिलाओं और समाज की पीड़ा को गहरी संवेदनाओं के साथ व्यक्त किया। विशिष्ट अतिथि भगवती प्रसाद गौतम ने अपने गीत में कोरोना काल की मानव त्रासदी के चित्र खींचे। महेन्द्र नेह ने गोष्ठी का संचालन करते हुए कहा कि वर्तमान में जो मुख्य धारा हावी दिख रही है वह बीमार और मरण शील है, जबकि जो आज दलित और पीड़ित समुदाय हैं उसमें भविष्य के बीज छुपे हुए हैं।

गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार ओम कटारा, शायर वेद प्रकाश परकास, अहमद सिराज फारूकी, कवि राजेन्द्र पंवार आदि ने अपनी कविताओं से समां बांध दिया। विजय सिंह पालीवाल की कविता ” हम पूछेंगे” ने शासक वर्ग को जनता के कटघरे में खड़ा कर दिया।
गोष्ठी में शब्बीर अहमद, विजय राघव, देवराज सिंह, टी. जी. विजय कुमार की उपस्थिति ने कविता के जन पक्ष को मजबूती प्रदान की। अंत में अध्यक्ष डॉ. कृष्णा कुमारी अपने गीतों, ग़ज़लों और मुक्तकों से गोष्ठी को यादगार बना दिया।

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