हमने देखे हैं इतने ॲंधेरे यहाँ। जगमगाते हुए दिन भी काले लगे।।

whatsapp image 2025 08 12 at 10.41.14
फोटो साभार अखिलेश कुमार

ग़ज़ल

-शकूर अनवर-

shakoor anwar new
शकूर अनवर

*
ख़ूबसूरत झरोखों में जाले लगे।।
कैसे-कैसे मकानों में ताले लगे।।
*
हमने देखे हैं इतने ॲंधेरे यहाँ।
जगमगाते हुए दिन भी काले लगे।।
*
लो सफ़र अपना सूरज ने पूरा किया।
अपनी मंज़िल पे सारे उजाले लगे।।
*
मस्जिदें क्यूँ उदासी का मस्कन* हुईं।
सहमे-सहमे हुए क्यूँ शिवाले* लगे।।
*
भूख ने हमको सावन का अंधा किया।
चाॅंद रोटी, सितारे निवाले लगे।।
*
देखने में तो “अनवर” सभी राहबर*।
सीधे सादे लगे, भोले भाले लगे।।
*
शब्दार्थ:-
मस्कन*निवास
शिवाले*मंदिर
रराहबर*मार्गदर्शक,नेतागण
*
शकूर अनवर
9460851271

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments