दिल्ली में इंडिया घटक दल के सांसदों के प्रदर्शन के बाद निगाहें राहुल गांधी की बिहार में पदयात्रा पर!

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फोटो सोशल मीडिया

-देवेंद्र यादव-

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देवेन्द्र यादव

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे के नेतृत्व में 11 अगस्त सोमवार के दिन, विपक्ष के 300 सांसदों ने एस आई आर के विरोध में संसद से मार्च कर इतिहास रच दिया। पहली बार लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिका अर्जुन खड़गे सहित 300 सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लिया बाद में उन्हें छोड़ दिया गया !
चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्षी सांसदों के मार्च में, ” अभी तो ली अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है, यह नारा तो नहीं गूंजा मगर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को राहुल गांधी और विपक्षी सांसदों ने इस नारे का एहसास करा दिया। पहली बार बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों ने एकत्रित होकर चुनाव आयोग के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दरमियान इंडिया गठबंधन के सांसद एकजुट नजर आए। इंडिया गठबंधन की एक जुटता और चुनाव आयोग के खिलाफ उनका प्रदर्शन सवाल खड़े करता है। विपक्ष के 300 सांसदों के द्वारा किए प्रदर्शन ने चुनाव आयोग और भाजपा सरकार को हिला दिया। यदि भविष्य में विपक्षी 300 सांसदों के साथ उनके नेता और देशभर के उनके कार्यकर्ता एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे तब क्या होगा ? इसकी झलक 11 अगस्त स्पष्ट रूप से नजर आ गई। विपक्ष मतदाता सूचियों में हेर फेर कर चुनाव को प्रभावित करने के आरोप की जांच करने की मांग को लेकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर लेकर उतरेगा यह संकेत कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री प्रियंका गांधी के नारों से स्पष्ट हो गई। प्रियंका गांधी स्वयं विरोध प्रदर्शन में भाजपा सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाते हुए देखी गईंं। कांग्रेस कार्यकर्ता अपना समय आने का इंतजार कर रहा है, जिसकी झलक 17 अगस्त को राहुल गांधी की पद यात्रा में देखने को मिलेगी, जहां कांग्रेस का कार्यकर्ता उत्साहित होकर प्रियंका गांधी की तरह नारे लगाते हुए देखे जाएंगे।

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इंडिया घटक दल राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव आयोग की मनमानी के खिलाफ बड़ी राजनीतिक रणनीति के तहत अपने मिशन को अंजाम दे रहे हैं। पहले घटक दल के 300 सांसदों ने चुनाव आयोग के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक विरोध प्रदर्शन किया। 17 अगस्त को राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में 10 दिवसीय पैदल यात्रा का आयोजन किया जाएगा।

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बिहार में राहुल गांधी की यात्रा को लेकर जिस प्रकार से इंडिया घटक दल के नेता तैयारी कर रहे हैं उससे लगता है कि यह यात्रा भी भारत जोड़ो यात्रा की तरह सफल होगी। बिहार में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने चुनाव आयोग की नीतियों को लेकर लंबे समय से मोर्चा खोल रखा है और वह राहुल गांधी की पदयात्रा को सफल बनाने के लिए बिहार के गांव गांव घूम रहे हैं। यदि राहुल गांधी की बिहार यात्रा सफल हुई तो, वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तर्ज पर देश भर में चुनाव आयोग के खिलाफ अपनी तीसरी बड़ी पदयात्रा निकालने का भी विचार कर सकते हैं। राहुल गांधी ने स्वयं कहा है हम छोड़ेंगे नहीं। क्या राहुल गांधी की रणनीति पद यात्रा कर चुनाव आयोग के खिलाफ जन आंदोलन की जगह जन यात्रा करने की होगी। देश की जनता को यह समझाने और बताने के लिए की जनता के वोटों की चोरी करके भारतीय जनता पार्टी देश की और विभिन्न राज्यों की सत्ता में बेटी हुई है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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