
-देवेंद्र यादव-

राहुल गांधी का मिशन अडानी राजनीतिक रूप से सफल होता हुआ नजर आ रहा है। राहुल गांधी के इस मिशन की सफलता में सबसे बड़ा योगदान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का है जिन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता को देश का सबसे बड़ा गद्दार बता दिया। इससे भारतीय जनता पार्टी के नेता जितना अडानी का बचाव कर रहे हैं उतना ही राहुल गांधी और विपक्ष के नेता और अधिक एग्रेसिव होकर अपनी आवाज बुलंद कर देश की जनता को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। वास्तव में देश की जनता बोल तो नहीं रही है मगर समझ रही है कि राहुल गांधी जो कुछ भी अडानी के विषय में बोल रहे हैं उसमें कुछ तो सच्चाई होगी वरना सत्ता पक्ष भाजपा के नेता अडानी का बचाव करने के चक्कर में राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले नहीं करते। कम से कम राहुल गांधी को गद्दार तो नहीं बताते।
जनता कांग्रेस की डॉक्टर मनमोहन सरकार के दौर को भूली नहीं है। तब विपक्ष ने कांग्रेस नीत सरकार पर कोयला घोटाला और 2 जी घोटले का आरोप लगाया था। इस पर मनमोहन सरकार ने उन मंत्रियों को पद से हटा दिया था जिन पर घोटाले में शामिल होने के आरोप थे। यहां तक कि उनके खिलाफ कार्रवाई की। तब सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं ने घोटाले के आरोपियों का डिफेंस नहीं किया बल्कि तुरंत उनको मंत्री पद से हटाया।
राहुल गांधी लंबे समय से अडानी के कामकाज को लेकर पर हमला कर रहे हैं, मगर राहुल गांधी के आरोपों का जनता पर खास असर नहीं हो रहा था। यदि राहुल के आरोपों का असर होता तो भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार केन्द्र की सत्ता में नहीं आती। जिस तरह 2014 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई थी ठीक वैसे ही भाजपा भी आज सत्ता से बाहर होती, क्योंकि राहुल गांधी ने अडानी का मुद्दा आज नहीं उठाया है बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले से राहुल गांधी इस मुद्दे को जनता के बीच ले जा रहे थे। उस समय जनता पार्टी के नेता भी अडानी को इतना डिफेंस कर राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले नहीं कर रहे थे। मगर अब सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी के नेता अडानी मुद्दे पर राहुल गांधी पर बड़े राजनीतिक हमले कर रहे हैं। इससे राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से बड़ी सफलता मिलती हुई नजर आ रही है। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के सवालों पर चुप्पी साध रखी है ठीक वैसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी चुप रहने में ही फायदा अधिक होगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राहुल गांधी को देश का बड़ा गद्दार बताकर देश की जनता की सहानुभूति राहुल गांधी के पक्ष में कर दी। इससे राहुल गांधी के दावे को भी पुख्ता कर दिया।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

















