
बारां। ” प्रकृति के विविध उपादानों में गौरैया का विशिष्ट महत्व है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।आज इनकी विभिन्न प्रजातियों का प्रतिशत घटता जा रहा है जो कि आप और हम सभी लोगों के लिए एक चिंताजनक स्थिति है हमे इस प्रकार के विषयो को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।”ये विचार विश्व गौरैया दिवस पर भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय द्वारा ईको क्लब राज उच्च माध्य विद्यालय बादीपुरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक सेमिनार में शिक्षाविद रामस्वरूप नागर द्वारा मुख्य अतिथि बतौर व्यक्त किए गए।
अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद नंदकिशोर कुशवाहा ने कहा कि ” विभिन्न प्रकार के पौधों के प्रकीर्णन में चिड़ियाओं का योगदान है और यह हमारे जनजीवन का एक विशेष अंग है जिसके चलते कई प्रकार की गतिविधियां संचालित होती हैं।”
संचालन करते हुए कन्वीनर जितेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि ” इसको विशेष दिन के रूप में मनाया जाना अति आवश्यक है क्योंकि पक्षियों को अपने आस पास के वातावरण से अलग नहीं किया जा सकता है।”
सेमिनार में छात्र छात्राओं के बीच सेमिनार और गौरैया को लेकर संवाद कायम किया गया जिसमे 9 वीं कक्षा की छात्रा सुखमन कौर को प्रथम स्थान मिला । सुखमन कौर ने दिवस पर बोलते हुए अपने विचार रखे।सेमिनार के अंत में कन्वीनर जितेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।