
-देवेंद्र यादव-

एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने-अपने उपराष्ट्रपति के पद के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए। भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु से भाजपा के नेता और महाराष्ट्र के गवर्नर राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया। राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाने को राजनीतिक पंडित और मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक बताया, क्योंकि उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की तरफ से जो नाम राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर तैर रहे थे, उनसे अलग हटकर, यह नाम सामने आया जिसके बारे में जिक्र तक नहीं था। तमिलनाडु में विधानसभा के चुनाव होने हैं इसलिए राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाना मोदी और शाह की भविष्य में तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक रणनीति का हिस्सा समझ रहे हैं। राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाने के पीछे मोदी और शाह की राजनीतिक रणनीति भले ही तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रही हो, मगर बड़ी वजह, दक्षिण के लगभग 65 वोट की है, जिनकी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में बड़ी भूमिका होगी। गत दिनों आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने अपनी एक प्रेस वार्ता में, यह कहकर खलबली मचा दी थी कि राहुल गांधी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आपस में गहरे संबंध हैं और दोनों की बात होती रहती है। केंद्र में भाजपा की सरकार चंद्रबाबू नायडू के समर्थन पर टिकी हुई है। राधाकृष्णन को भाजपा के द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के पीछे बड़ी सोच यही रही होगी कि दक्षिण के अधिकांश वोट दक्षिण के उम्मीदवार के नाम पर राधाकृष्णन को मिल जाएं। भाजपा के रणनीतिकार सोच भी नहीं सकते थे कि कांग्रेस नीत गठबंधन ने सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बना मास्टर स्ट्रोक खेला। कर्नाटक से आने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आंध्र प्रदेश के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी घोषित कर भाजपा के रणनीतिकारों और राजनीतिक पंडितों को चौकाया है।
अब सवाल उठता है कि क्या सुदर्शन रेड्डी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हैं क्योंकि इंडिया गठबंधन ने सुदर्शन के नाम की घोषणा की है लेकिन अंदर खाने सच्चाई यह है कि सुदर्शन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के उम्मीदवार हैं। राजनीतिक पंडित और भाजपा के चुनावी रणनीतिकार गच्चा खा गए। वह आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के इशारे को नहीं समझे। उन्होंने गत दिनों प्रेस वार्ता में कहा था कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आपस में संपर्क में हैं। दोनों की हॉट लाइन पर बात हो रही है। जो नेता चंद्रबाबू नायडू और राहुल गांधी के बीच हॉट लाइन पर बात करा रहे हैं वह कांग्रेस के नेता तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेडी हैं जो कांग्रेस में शामिल होने से पहले चंद्रबाबू नायडू की पार्टी की तेलंगाना इकाई के मुखिया थे। कहा जाता है कि चंद्रबाबू नायडू रेवंत रेड्डी को अपने पुत्र के समान मानते हैं। रेवंत रेड्डी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बहुत करीबी हैं। राहुल गांधी ने ही रेवंत रेड्डी को तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाया था और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है। सूत्र बताते हैं कि रेवंत रेड्डी को राहुल गांधी के नजदीक पहुंचाने वाले नेता चंद्रबाबू नायडू ही थे। चंद्रबाबू नायडू ने ही राहुल गांधी से बात करके तेलंगाना का मुख्यमंत्री का चेहरा और बाद में मुख्यमंत्री रेडी को बनवाया था।
उपराष्ट्रपति पद के लिए दोनों उम्मीदवार दक्षिण से आते हैं। ऐसे में जीत किसको मिलेगी, इसका इंतजार करना होगा। लेकिन सुदर्शन रेड्डी के कांग्रेस और इंडिया घटक दल से उम्मीदवार बनने के कारण भाजपा को टेंशन तो हो ही गई है। भाजपा के लिए चुनौती चंद्रबाबू नायडू के अलावा जगनमोहन रेड्डी वाईआरएस की तरफ से भी मिलेगी। दोनों के पास भी वोटो की संख्या है जो किसी भी उम्मीदवार की गणित को बिगाड़ सकते हैं। फिलहाल इंडिया घटक दल के चाणक्य मराठा नेता शरद पवार ने, सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी बनवाकर बता दिया कि वह भले ही बुजुर्ग हो गए हैं मगर अभी भी वह राजनीति के मजबूत चाणक्य हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)