
-विष्णुदेव मंडल-

चेन्नई। एनईपी 2020 तमिलनाडु में लागू करने के लिए प्रयासरत मोदी सरकार और तमिलनाडु की के डीएमके सरकार के बीच जुबानी जंग तेज और गंभीर होती जा रही है। जहां केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तमिलनाडु सरकार को पत्र लिखकर गुजारिश कर रहे हैं कि त्रिभाषा फार्मूला तमिल भाषा को किसी तरह से नुकसान नहीं पहचाने जा रहा है। यह छात्रों और शिक्षण संस्थान की बेहतरी के लिए की जा रही है।
वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री अब धमकी देने लगे हैं कि यदि केंद्र सरकार तमिलनाडु को छेड़ने का कोशिश करेगा तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार को आगाह किया की हमारे ऊपर पत्थर फेंकने की कोशिश नहीं करें हमारे सेंटीमेंट को ललकारने कोशिश नहीं करें। नहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने चैलेंज किया कि जब तक तमिलनाडु में डीएमके रहेगी तब तक भाजपा को तमिलनाडु में घुसने नहीं देंगे।
बहरहाल तमिलनाडु में दीवारों पर डीएमके की ओर से गेटआउट मोदी का पोस्टर चिपकाए जाने लगे हैं। चेन्नई के दीवारों पर गेटआउट मोदी के पोस्टर देखते ही तमिलनाडु बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता डीएमके को सुधरने के हिदायत दे रहे हैं।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं डीएमके के सांसद ए राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया की यदि मोदी सरकार तमिलनाडु को छेड़ने का कोशिश करेगी तो डीएमके सड़क से लेकर संसद तक अपनी लड़ाई लड़ेगी और # गेट आउट मोदी और #शटअप मोदी का अभियान चलाएगी।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर दस्तखत के बारे में पूछे जाने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का कहना था की यदि सेंट्रल गवर्नमेंट हमें 10000 करोड रुपए भी आवंटित करेगी फिर भी हम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, क्योंकि हम त्रिभाषीय फार्मूले के माध्यम से तमिलनाडु में हिंदी को प्रमोट नहीं करेंगे। एनईपी लागू होने से तमिलनाडु के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। हम हिंदी का विरोध नहीं कर रहे हैं, तमिलनाडु में रह रहे कोई भी व्यक्ति या समाज को हम हिंदी पढ़ने और बोलने से नहीं रोक रहे हैं। जिसकी मर्जी हो पढें, लेकिन कोई हमारे ऊपर तीसरी भाषा थोप नहीं सकता।
वहीं तमिलनाडु भाजपा के नेता डीएमके के द्वारा तमिलनाडु में दीवारों पर गेट आउट मोदी पोस्टर लगाने के विरोध में उन्हें हिदायत दे रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री का अपमान नहीं करें नहीं तो सरकार को जैसे का तैसा जवाब मिलेगा। भाजपा के अध्यक्ष अन्नामलाई ने तमिलनाडु सरकार को सलाह दी है कि वह स्कूलों और कॉलेज में या फिर मतदाताओं के बीच सर्वेक्षण कराएं और फैसला लें।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैंं। यह लेखक के निजी विचार हैं)