
कांग्रेस संगठन सृजन का कार्य राष्ट्रीय संगठन और प्रदेश संगठन से शुरू करे। ब्लॉक और जिलों में तो अपने आप सृजन हो जाएगा, क्योंकि ब्लॉक और जिलों में मजबूत नेता हैं जबकि राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के संगठन में ऐसे नेता पदों पर बैठे हैं जिनका राजनीतिक स्तर उनके गृह वार्ड में भी मजबूत नहीं है।
-देवेंद्र यादव-

इंदिरा गांधी युग के बड़े मुस्लिम नेता तारीक अनवर ने कांग्रेस संगठन में मूलभूत परिवर्तन करने की आवश्यकता बताकर, कांग्रेस के भीतर राजनीतिक हलचल मचा दी। सवाल यह है कि क्या तारीक अनवर ने यह बयान गांधी परिवार के इशारे पर दिया है। मैंने अपने ब्लॉग में 10 फरवरी सोमवार को लिखा था कि राहुल गांधी बोल बोल कर थक गए की ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर मजबूत और जनाधार वाले कार्यकर्ताओं को संगठन में लिया जाए। मगर राहुल गांधी की बात का असर होता नजर नहीं आ रहा है। इसीलिए राहुल गांधी की बात को तारीक अनवर के माध्यम से गांधी परिवार आगे बड़ा रहा है। तारीक अनवर श्रीमती इंदिरा गांधी युग के नेता हैं। वह युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के भी अध्यक्ष रहे। इसलिए समझा जा सकता है की तारीक अनवर कांग्रेस के कितने बड़े नेता हैं और गांधी परिवार के कितने करीब हैं। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। ऐसे में तारीक अनवर का बयान राजनीतिक रूप से मायने रखता है क्योंकि तारीक अनवर बिहार से आते हैं। बिहार में कांग्रेस लंबे समय से राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है और चार दशक से भी अधिक समय से कांग्रेस बिहार की सत्ता से दूर है।
तारीक अनवर के बयान में यह बात भी है कि कांग्रेस को गठबंधन की राजनीति करनी है या नहीं इसे स्पष्ट करना होगा।
सवाल यह है कि क्या कांग्रेस बिहार में फिर से राजद से गठबंधन करेगी या नहीं। दूसरा कांग्रेस बिहार में नेतृत्व परिवर्तन करेगी या नहीं, क्योंकि मौजूदा नेतृत्व से बिहार का आम कार्यकर्ता नाराज है। बिहार में कांग्रेस के संगठन में हिस्सेदारी का सबसे बड़ा सवाल है। राहुल गांधी बार-बार जाति जनगणना और हिस्सेदारी की बात कर रहे हैं मगर बिहार कांग्रेस में एक ही जाति का दबदबा अधिक है। इस कारण बाकी जातियों के नेता और कार्यकर्ता बिहार के नेतृत्व से नाराज हैं और पार्टी हाई कमान से बार-बार मांग कर रहे हैं कि बिहार के संगठन में चुनाव से पहले बदलाव किया जाए।
राहुल गांधी इसी वर्ष लगातार दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए न केवल नेतृत्व में परिवर्तन करना होगा बल्कि कांग्रेस को बिहार का अपना राष्ट्रीय प्रभारी भी बदलना होगा। हालांकि राहुल गांधी ने सुशील पासी को बिहार में सह प्रभारी बनाकर दिल्ली से भेजा है। सुशील पासी राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली से आते हैं।
अब देखना यह होगा कि तारीक अनवर के सुझाव का कितना असर होता है, क्योंकि कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में संगठन सृजन का कार्य चल रहा है और इस कार्य को कांग्रेस पूरे देश में शुरू करेगी। कांग्रेस संगठन सृजन का कार्य राष्ट्रीय संगठन और प्रदेश संगठन से शुरू करे। ब्लॉक और जिलों में तो अपने आप सृजन हो जाएगा, क्योंकि ब्लॉक और जिलों में मजबूत नेता हैं जबकि राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के संगठन में ऐसे नेता पदों पर बैठे हैं जिनका राजनीतिक स्तर उनके गृह वार्ड में भी मजबूत नहीं है। कांग्रेस हाई कमान ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में यह तो देखा भी होगा क्योंकि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर जो नेता पद लेकर बैठे हैं वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। इसलिए राहुल गांधी और कांग्रेस को सबसे पहले संगठन सृजन का कार्य राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर से शुरू करना चाहिए।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)